जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से दिए आदेश की पालना में राज्य सरकार की ओर से जयपुर शहर का दस साल का विजन प्लान अदालत में पेश किया गया है. मुख्य सचिव की ओर से पेश इस प्लान में सफाई, पार्किंग, यातायात, अतिक्रमण और आवारा पशुओं को लेकर बनाई योजना की जानकारी दी गई है.
मुख्य सचिव ऊषा शर्मा की ओर से पेश विजन प्लान में कहा गया है कि शहर की सफाई व्यवस्था नगर निगम से संबंधित है. ग्रेटर और हेरिटेज निगम ने वार्डवार सर्वे कर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाई हैं. इसके तहत डोर टू डोर कचरा एकत्रित कर उसका परिवहन किया जाएगा. सार्वजनिक सड़कों की सफाई के साथ ही कचरा डीपो से कचरा एकत्र कर उसका परिवहन किया जाएगा. वहीं शहर में रात्रिकालीन और मशीनों से सफाई की जाएगी. इसके अलावा सफाई के हालातों को जानने के लिए मौके पर समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा और कचरा फैलाने वालों से केयरिंग चार्ज वसूला जाएगा.
कचरा निस्तारण के लिए केन्द्रीयकृत कंपोस्ट प्लांट स्थापित किया जाएगा और शहर में मैटेरियल रिकवरी सुविधा शुरू की जाएगी. साथ ही कॉमन बायो-मेडिकल ट्रीटमेंट सुविधा के साथ ही कचरागाह पर बायो माइनिंग प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरे को ऊर्जा में बदलने के लिए सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा और एसटीपी प्रोजेक्ट्स पर भी फोकस किया जाएगा.