जयपुर. प्रदेश में सरकार और आगामी विधानसभा चुनाव के बीच महज कुछ ही महीनों का फासला है. ऐसे में गहलोत सरकार हर वर्ग को खुश करने की भरपूर कोशिश में जुटी है. इसी कारण बजट के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक के बाद एक नई घोषणाएं कर रहे हैं. सीएम गहलोत राज्य कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम के बाद अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों - अधिकारियों की फिक्स पे में दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोतरी कर चैत्र नवरात्रि 2023 का तोहफा दे दिया है. वहीं आरएएस के विभिन्न संवर्गों को अस्थायी वरिष्ठता का लाभ भी दिया है. इसके अलावे सरकार ने विभिन्न बोर्ड और निगम के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन भत्ते बढ़ा दिए हैं. बता दें कि राज्य में राजनीतिज्ञों की निगम व बोर्ड मे अध्यक्ष व उपाध्यक्ष और पदाधिकारी बनाया गया है. साथ ही उन्हे मंत्री, राज्य मंत्री और उप मंत्री का दर्जा भी दिया गया है.
सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों का फिक्स पे दोगुना
गहलोत सरकार ने सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियुक्त सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की फिक्स पे में दोगुनी से ज्यादा की वृद्धि की है. अलग-अलग पे (वेतन) स्तर में 5,300 रुपए से लेकर ₹55,100 तक की बढ़ोतरी की है. पे लेवल में यह बढ़ोतरी दोगुनी से भी ज्यादा है. 5 साल बाद की गई इस बढ़ोतरी के साथ ही कार्मिक विभाग ने पुनर्नियुक्ति के विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. आठ फरवरी 2018 को जारी आदेश के अनुसार पे लेवल L 1 में ₹6,400 फिक्स पे थी उन्हें अब 1 अप्रैल के बाद ₹5,800 की बढ़ोतरी के साथ ₹12,200 मिलेगी. पे लेवल L 9 में 8 फरवरी 2018 के आदेश अनुसार ₹10,400 फिक्स पे थी, अब उन्हें 1 अप्रैल के बाद ₹,9400 की बजाय ₹19,800 मिलेगी. इसी तरह से L16 से L 22 तक की फिक्स पे में दोगुनी कर दी है.
निगम - बोर्ड के अध्यक्षों के वेतन भत्ता बढ़ा
गहलोत सरकार ने 30 नवम्बर 2012 के आदेश में संशोधन कर दिया है. इसके साथ ही विभिन्न बोर्ड, निगम, आयोग, समिति में पदस्थापित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पदाधिकारीगण के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी कर दी है. बता दें कि इनके पदाधिकारियों को मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री स्तर का दर्जा प्राप्त है. कैबिनेट सचिवालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार कैबिनेट मंत्री दर्जाधारी का वेतन ₹45,000 से बढ़ाकर ₹65,000, उनका सत्कार भत्ता हुआ ₹34,000 से बढ़ाकर ₹55,000 कर दिया गया. राज्यमंत्री दर्जाधारी का वेतन ₹42,000 से बढ़ाकर ₹62,000 और भत्ता ₹34,000 के बजाय ₹55,000 मिलेगा. उप मंत्री दर्जाधारी को अब वेतन ₹40,000 के बजाय ₹60 हजार मिलेगा और उन्हें भत्ता भी ₹30,000 के बजाय ₹40 हजार मिलेगा. हालांकि इसको लेकर पूर्व में भी आदेश जारी हुए थे. लेकिन कुछ विसंगतियों के उजागर होने के बाद सरकार ने अपना स्पष्टीकरण आदेश जारी कर दिया है.