जयपुर.जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के आखिरी दिन अपनी किताब मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास ने 'हल पल यहां, जी भर जीयो, जो है समां, कल हो ना हो' गीत गाते हुए जीवन जीने का मंत्र दिया. उन्होंने सक्सेस के केवल पैसा-शोहरत कमाने वाले पहलू के साथ-साथ मरने के बाद आपको कोई याद रखे ऐसा काम और व्यवहार रखने की भी सीख दी.
साहित्य उत्सव में गौर गोपाल दास की पुस्तक Energize Your Mind के पहले एडिशन का विमोचन किया गया. इस दौरान अपनी किताब के बारे में जानकारी साझा करते हुए गौर गोपाल दास ने अपने अंदाज में श्रोताओं को जीवन मंत्र भी दिए. उन्होंने आइसक्रीम और मोमबत्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों पिघलती हैं, लेकिन एक को पिघलने से पहले एंजॉय कर लेना चाहिए और दूसरी पिघलते हुए भी दूसरों को रोशन करती है. हमें भी ऐसे ही दूसरों के लिए कुछ योगदान देना चाहिए. सिर्फ अपने बारे में सोचने से काम नहीं चलेगा. आपकी जितनी क्षमता हैं, उतने लोगों की मदद करें.
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उन्होंने कहा कि पैसा, धन, शोहरत बहुत जरूरी है. ये सक्सेस का एक कॉम्पोनेंट है. इसके अलावा भी सक्सेस के कई कॉम्पोनेंट हैं. मरने के बाद कोई फॉलोअर्स या व्यूज पर चर्चा नहीं करने वाला. कोई शोहरत पूछने वाला नहीं है. लोग सिर्फ पूछेंगे, इंसान कैसा था, इसने अपना जीवन कैसे जीया. पैसे के पीछे भागते-भागते अपने पर्सनल रिश्ते और आध्यात्मिकता को मीडिएट नहीं करना चाहिए. उन्होंने बशरजी की उर्दू में कही बात को दोहराते हुए कहा कि 'उन्हें कामयाबी में सुकून नजर आया, तो वे दौड़ते गए, हमें सुकून में कामयाबी नजर आई, हम ठहर गए, इन सभी के पीछे भागते-भागते बशर तू क्या कर रहा है, इतना तो जीया भी नहीं है, जितना तू मर रहा है.'