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ध्वजारोहण और ध्वज पूजन के साथ होगी गणेश जन्मोत्सव की शुरुआत, विघ्नहर्ता को हीरे से जड़ा सोने का मुकुट कराया जाएगा धारण

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 9, 2023, 10:17 PM IST

Updated : Sep 9, 2023, 10:42 PM IST

सोमवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पुष्य नक्षत्र के दिन ध्वजारोहण और ध्वज पूजन के साथ गणेश जन्मोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत होगी. विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी और 20 सितंबर को शोभायात्रा के साथ जन्मोत्सव कार्यक्रम का समापन होगा.

Ganesh Chaturthi 2023
Ganesh Chaturthi 2023

ध्वजारोहण और ध्वज पूजन के साथ होगी गणेश जन्मोत्सव की शुरुआत

जयपुर.राजधानी में मोती डूंगरी गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दौरान हीरे जड़ित सोने के मुकुट धारण कराते हुए भगवान गणपति को चांदी के सिंहासन पर विराजमान कराया जाएगा. साथ ही 100 पीपा देसी घी के मोदकों की झांकी के साथ ही सोजत से मंगाई 3500 गई किलो मेहंदी से सिंजारा होगा. छोटी काशी के प्रमुख मोती डूंगरी गणेश मंदिर में इस बार 11 सितंबर को पुष्य नक्षत्र के दिन ध्वजारोहण और ध्वज पूजन के साथ जन्मोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत होगी. विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी और 20 सितंबर को शोभायात्रा के साथ जन्मोत्सव कार्यक्रम का समापन होगा.

11 सितंबर को पुष्य नक्षत्र अभिषेक :सुबह 8 बजे पुष्य नक्षत्र में भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा, जिसमें 251 किलो दूध, 25 किलो बूरा, 50 किलो दही, 11 किलो शहद और 11 किलो घी का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके बाद भगवान का गुलाब जल और केवड़ा जल से अभिषेक होगा. फिर इत्र अभिषेक होने के बाद ध्वज पूजन और ध्वजारोहण किया जाएगा. इस मौके पर 501 महिलाएं कलश यात्रा लेकर मंदिर पहुंचेंगी. इसके जल से भगवान का अभिषेक होगा.

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13 सितंबर को मोदकों की झांकी :बुधवार को 100 पीपा देसी घी से तैयार 251 किलो के 2, 51 किलो के 5, 21 किलो के 21, सवा किलो के 1100 और अन्य छोटे मोदकों की झांकी सजाई जाएगी. भगवान गणेश को फूलों के झरोखे में विराजमान कराया जाएगा. इसी दिन भगवान गणपति को विशेष मुकुट धारण कराया जाएगा. इसमें करीब 10 हजार रत्न जड़े हुए हैं. मंदिर महंत कैलाश शर्मा का दावा है कि ये अपनी तरह का देश में एकमात्र मुकुट है. इस दिन बाहर का प्रसाद नहीं चढ़ेगा. बाद में शाम 6:30 बजे से रात 9 बजे तक भक्त जनों को निशुल्क मोदक वितरण किए जाएंगे.

14 से 17 सितंबर तक ये कार्यक्रम :जन्मोत्सव कार्यक्रम के दौरान चार दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा. 14 सितंबर को शाम ध्रुपद गायन, 15 सितंबर को कथक नृत्य, 16 सितंबर को भी कथक नृत्य और 17 सितंबर को सुगम संगीत का आयोजन किया जाएगा. ये सभी आयोजन शाम 7 बजे होंगे.

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18 सितंबर मेहंदी पूजन और सिंजारा :गणेश चतुर्थी से ठीक एक दिन पहले भाद्रपद तीज को शाम 6:15 बजे प्रथम पूज्य का विशेष शृंगार किया जाएगा. साथ ही गणपति को सिंजारे की मेहंदी धारण कराई जाएगी और भक्तजनों को भी मेहंदी का प्रसाद वितरण किया जाएगा. इसी दिन गणेश जी महाराज को स्वर्ण मुकुट और नौलखा हार धारण कराया जाएगा. साथ ही भगवान को चांदी के सिंहासन पर विराजमान कर विशेष पोशाक धारण कराई जाएगी.

डोरा और मेंहदी की मान्यता : महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि इस स्वर्ण मुकुट पर इस बार हीरे भी जड़े गए हैं. मेहंदी प्रसाद वितरण के लिए मंदिर परिसर में ही पांच स्थान तय किए गए हैं. इसके साथ ही महिलाओं और कन्याओं के लिए डोरा और मेहंदी की अलग व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि जिनकी कोई मन्नत है या शादी नहीं हो रही हो, उनके लिए डोरा बांधने और मेहंदी लगाने की मान्यता है. सिंजारा महोत्सव के लिए सोजत से 3500 किलो मेहंदी मंगवाई जाएगी.

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19 सितंबर गणेश चतुर्थी जन्मोत्सव दर्शन :गणेश चतुर्थी के दिन सुबह 4 बजे मंगला आरती के साथ गणेश जी महाराज के दर्शन की व्यवस्था रहेगी. इस दिन 11:20 पर विशेष पूजन 11:30 पर शृंगार आरती, दोपहर 2:15 बजे भोग आरती, शाम 7 संध्या आरती होगी. महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं को विघ्नहर्ता के दर्शन करने में कोई विघ्न न आए इसे मद्देनजर रखते हुए जेएलएन रोड और तख्तेशाही रोड से बैरिकेडिंग के माध्यम से कतारबद्ध होकर मंदिर परिसर तक लाने की व्यवस्था रहेगी.

सुबह 4 बजे से कर सकेंगे दर्शन : दर्शन के लिए 5 लाइन मंदिर में आने के लिए और 6 लाइन मंदिर से जाने की रखी गई है. वहीं सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ, मेटल डिटेक्टर गेट, 58 सीसीटीवी कैमरे भी इंस्टॉल किए गए हैं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सुबह 4 बजे से पूरे दिन भगवान के दर्शन किए जा सकेंगे.

20 सितंबर शोभायात्रा :मोती डूंगरी गणेश मंदिर से शोभायात्रा निकालने की परंपरा का एक बार फिर निर्वहन किया जाएगा. ये शोभायात्रा राजधानी के मुख्य मार्ग जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होते हुए गढ़ गणेश मंदिर पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि इस बार इलेक्ट्रॉनिक झांकियां की संख्या भी ज्यादा रहेगी. महंत कैलाश शर्मा ने कहा कि निश्चित परिधान की व्यवस्था केवल मंदिर में सेवा करने वालों के लिए है. यहां दर्शन और सेवा के बीच में एक दहलीज है, इसलिए सेवादारों का ड्रेस कोड है. दर्शन करने वालों का कोई ड्रेस कोड नहीं है.

Last Updated : Sep 9, 2023, 10:42 PM IST

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