जयपुर. प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को अब आईएएस, आरएएस और सीईटी जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए सोचना नहीं पड़ेगा. ना ही लाखों रुपए की फीस भरनी होगी और ना ही उनके परिजनों पर कोई आर्थिक भार पड़ेगा. राजस्थान विश्वविद्यालय में गुरुवार से एक पहल इंडिया योजना के तहत 10 हजार छात्रों को आईएएस, आरएएस और सीईटी की निशुल्क ऑफलाइन क्लासेज दी जाएंगी. इसके अलावा करीब पांच लाख छात्र ऑनलाइन क्लास के लिए एनरोल हुए हैं. खास बात ये है कि ये क्लासेज प्राइवेट इंस्टिट्यूट में पढ़ाने वाले शिक्षकों के अलावा, प्रदेश के आईएएस अधिकारी भी लेंगे.
एक पहल इंडिया योजना के तहत राजस्थान के सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र लाभान्वित हो सकेंगे. जो छात्र आईएएस, आरएएस और सीईटी की तैयारी करना चाहते हैं, उन्हें खुला आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया था. इसके तहत अब तक राजस्थान विश्वविद्यालय के ही करीब 10 हजार छात्र आवेदन कर चुके हैं. जबकि प्रदेश भर के करीब 5 लाख छात्र एनरोल हुए हैं. ये कक्षाएं 1 जून से शुरू होगी. एक पहल इंडिया के देव अमित सिंह ने बताया कि ओपनिंग सेरेमनी जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में कराई जा रही है. जिसमें आईएएस नीरज के पवन, महेंद्र सोनी और राजेंद्र शेखावत मौजूद रहेंगे. जबकि शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला और पीडब्ल्यूडी मंत्री भजन लाल जाटव छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए पहुंचेंगे.
उन्होंने बताया कि 2 साल का आईएस और आरएएस का कोर्स है. जबकि सीईटी का 1 साल का कोर्स है. खास बात ये है कि प्राइवेट इंस्टिट्यूट में पढ़ा रहे शिक्षकों को भी छात्रों को पढ़ाने के लिए हायर किया गया है. जो सोमवार से शुक्रवार कक्षा लेंगे. जबकि शनिवार को कोई भी सीनियर आईएएस आकर छात्रों का ज्ञान वर्धन करेंगे. हर महीने एक टेस्ट भी आयोजित कराया जाएगा. उसमें जिला स्तर पर टॉप 3 स्टूडेंट को 40 बुक का एक सेट भी निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल 1 जून से शुरू होने वाली कक्षाएं कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए शुरू हो रही है. ये कक्षाएं पहले चरण में सुबह 11 बजे से 2 बजे तक जबकि दूसरे चरण में सुबह 8 से 11 और दोपहर 2 से 5 बजे लगाई जाएंगी. इसके बाद 1 जुलाई से सीनियर सेकेंडरी लेवल के स्कूली छात्रों के लिए भी कक्षाएं लगाई जाएंगी. इसमें आईआईटी और नीट की कक्षाओं को भी शामिल करने की प्लानिंग है. उनका लक्ष्य है कि इस योजना से प्रदेश के 40 लाख छात्रों को निशुल्क शिक्षा दी जाए.