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Rajasthan Politics : कर्नाटक में मिली हार के बाद भाजपा बदलेगी रणनीति, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को मिलेगी अहमियत ! - Rajasthan Hindi News

कर्नाटक चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी अपनी चुनावी रणनीति में कई बदलाव करेगी. पार्टी सूत्रों की मानें तो चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अब तरजीह मिलना तय है.

Rajasthan Elections 2023
Rajasthan Elections 2023

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Published : May 16, 2023, 4:14 PM IST

Updated : May 16, 2023, 6:08 PM IST

जयपुर.बीजेपी को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है. सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. 2018 में 104 सीट के साथ सत्ता में आने वाली बीजेपी मौजूदा चुनाव में केवल 66 सीटों पर ही सिमट कर रह गई, जबकि कांग्रेस की धमाकेदार जीत उसकी मजबूत स्थिति को दर्शाती है. बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने उम्मीद से परे मिली इस हार पर मंथन शुरू कर दिया है.

बीजेपी के सामने इसी साल होने वाले चार राज्य के चुनाव हैं, जहां पर सिर्फ एक स्टेट में बीजेपी है और बाकी में कांग्रेस का कब्जा है. सूत्रों की मानें तो कर्नाटक की हार से सबक लेते हुए बीजेपी अब स्थानीय नेताओं को तरजीह देने की रणनीति पर मंथन कर रही है. माना जा रहा है कि चुनाव में पीएम मोदी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा तो होंगे, लेकिन इसके साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मजबूत स्थिति के साथ सामने रखा जाएगा.

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रणनीति में बदलाव संभव :इस साल के आखिरी में 4 राज्यों में चुनाव होंगे, जिसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ शामिल हैं. मध्य प्रदेश में भाजपा शासन है. हालांकि ये अलग बात है कि यहां भी पहले कांग्रेस की सरकार बनी थी, बाद में कई विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद हुए उप चुनाव में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब रही. इसके अलावा राजस्थान और छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सरकार है, जबकि तेलंगाना में टीआरएस और मिजोरम में एमएनएफ की सरकार है.

बीजेपी ने अब इन राज्यों में सत्ता वापस पाने के लिए नई नीति पर मंथन करना शुरू कर दिया है. गैर बीजेपी सरकार वाले राज्य में सत्ता विरोधी लहर को अपने पक्ष में करने की बीजेपी की कोशिश होगी. बीजेपी इस बात को महसूस कर रही है कि कर्नाटक में कांग्रेस की बड़ी जीत की वजह केंद्रीय नेताओं के साथ-साथ स्थानीय नेताओं पर भरोसा करना है. कांग्रेस की बड़ी जीत में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. अब बीजेपी भी इस बात को लेकर मंथन कर रही है कि 2023 के चुनाव में स्थानीय नेताओं को आगे लाया जाए.

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राजे को जिम्मेदारी :कर्नाटक चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व के दम पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा. इस बीच स्थानीय नेताओं को उतना महत्व नहीं दिया गया, जिसका खामियाजा पार्टी ने इस चुनाव में उठाया. अब माना जा रहा है कि 2023 के चुनाव में बीजेपी को स्थानीय नेताओं पर अधिक फोकस करना होगा. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को तरजीह दी जा सकती है. पार्टी राजे को शिर्ष नेतृत्व बड़ी भूमिका देने पर विचार कर रही है, ताकि आने वाले चुनाव में राजे के जनाधार के जरिए सत्ता वापसी की जा सके. पार्टी इस बात पर भी मंथन कर रही है कि जो नेता अलग-थलग चल रहे हैं, उन्हें कैसे एक मंच पर लाया जाए.

राजे ने दिखाई थी ताकत :बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में चूरू जिले के सालासर बालाजी धाम पर अपना जन्म दिन मनाया था. इस दौरान वसुंधरा राजे ने अपनी राजनीतिक ताकत का भी एहसास केंद्रीय नेतृत्व को कराया था. राजे के जन्मदिन के उपलक्ष पर बधाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्रित हुई थी. साथ ही 10 से ज्यादा सांसद और 50 से ज्यादा मौजूदा विधायकों के साथ 30 के करीब पूर्व विधायकों की मौजूदगी का दावा किया गया. बहाना भले ही जन्मदिन का हो, लेकिन इसके जरिए वसुंधरा राजे ने सियासी मायनों में इस बात के संकेत दे दिए थे कि राजस्थान में आज भी उनका जनाधार है और आम जनता के साथ पार्टी में ज्यादातर नेता उनकी लीडरशिप को स्वीकार करते हैं.

Last Updated : May 16, 2023, 6:08 PM IST

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