जयपुर. वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई (Forest and Environment Minister Sukhram Bishnoi) ने गुरुवार को आमेर के हाथी गांव और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh Biological Park) का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान मंत्री ने पार्क में वन्यजीवों की देखरेख और सार संभाल समेत तमाम व्यवस्थाओं की जानकारी ली. इसके बाद वन मंत्री हाथी गांव पहुंचे.
हाथियों ने किया वन मंत्री का स्वागत
हाथी गांव पहुंचने पर हाथियों ने वन मंत्री का फूल माला पहनाकर स्वागत किया. इस दौरान हाथी पालकों ने सरकार की ओर से हाथियों के लिए दी गई आर्थिक सहायता के लिए वन मंत्री का आभार जताया. वन मंत्री ने हाथी गांव में पीपल का पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) का संदेश दिया. इस दौरान सभी लोगों से पौधरोपण करने का आह्वान भी किया.
हाथियों के कल्याण के लिए 57 लाख रुपये की मंजूरी
वन मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में हाथी पालकों का रोजगार बंद होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. हाथी पालकों और महावतों की समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने रखा गया. जिसपर मुख्यमंत्री ने हाथी पालकों और महावतों की समस्याओं को देखते हुए प्रत्येक हाथी को 1500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से सहायता राशि स्वीकृत की है. करीब 57 लाख रुपये की राशि इस बार हाथियों के कल्याण के लिए मंजूर की गई है.
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कोरोना की पहली लहर के दौरान हुए लॉकडाउन में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने 4.21 करोड रुपए हाथी पालकों को हाथियों के कल्याण के लिए सहायता राशि दी थी. मंत्री ने कहा कि जो हाथियों के ठान खाली पड़े हुए हैं, उनको भी उपयोगिता के आधार पर आवंटित किया जाएगा. हाथी मालिकों ने जो भी समस्याएं बताइए उनका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा. पिछले साल भी हाथी मालिकों की समस्याओं का तुरंत निस्तारण किया गया था.
घर-घर औषधि योजना के तहत बांटे जाएंगे पौधे
वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने बताया कि मुख्यमंत्री ने घर-घर औषधि योजना शुरू की है, जिसमें अश्वगंधा, कालमेघ, तुलसी और गिलोय का पौधा घर-घर बांटे जाएंगे. चारों आयुर्वेदिक पौधे है, जो काफी महत्वपूर्ण है. इन पौधों का उपयोग करने से कई बीमारियां दूर होंगी. मुख्यमंत्री की मंशा है कि घर-घर औषधि योजना को लागू किया जाए. मानसून में इस योजना को लागू किया जाएगा. जुलाई से पौधों का वितरण शुरू होगा.