जयपुर. सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेज का संचालन करने वाला राजस्थान में देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है ( Pre primary Classes in Rajasthan). इन स्कूलों में आवेदन प्रक्रिया हो चुकी हैं. हर कक्षा में 25 बच्चों को लॉटरी के माध्यम से चुना जाएगा और फिर 6 जनवरी से शिक्षण कार्य शुरू होगा. हालांकि इस नई व्यवस्था के तहत पहला सत्र महज 4 महीने का ही रहने वाला है. यानी नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी में जो भी छात्र एडमिशन लेंगे, वो जनवरी से अप्रैल तक ही पढ़ पाएंगे.
प्री प्राइमरी क्लासेस को नाम दिया गया है बाल वाटिका. बाल वाटिका के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजेंद्र शर्मा ने बताया कि पहली कक्षा से पहले प्री प्राइमरी का कंसेप्ट है. जिसमें नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी पढ़ाया जाता है. ताकि छात्र पहली कक्षा में दक्षता के साथ पहुंचे. जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है, अब छोटे बच्चों की पढ़ाई को लेकर रिक्वायरमेंट बदली है. और प्री प्राइमरी एजुकेशन का ये प्रयोग सक्सेसफुल भी है. यही वजह है कि राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूल के इस कंसेप्ट को अडॉप्ट करते हुए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अपनाया है. जिसे बालवाटिका का नाम दिया गया है.
प्रदेश के 958 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में बाल वाटिका शुरू होंगी. इनमें से 95 स्कूल जयपुर के हैं. जिनमें पढ़ने के लिए छात्रों की आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और जल्द लॉटरी के जरिए छात्रों को दाखिला मिलेगा. इस संबंध में राजेंद्र शर्मा ने बताया कि अधिकांश महात्मा गांधी स्कूलों में बाल वाटिका के लिए कक्षा कक्ष मौजूद हैं. जयपुर जिले के 95 स्कूलों के लिए शिक्षकों के इंटरव्यू कंडक्ट कराए गए थे, और उनका संबंधित स्कूलों में पदस्थापन भी कर दिया गया है. 95 में से 91 स्कूलों में इस काम को अंतिम रूप दिया जा चुका है. शेष में इक्का-दुक्का दिन में ये काम पूरा कर लिया जाएगा.