जयपुर. पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और भ्रष्टाचार के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए बनाई गई राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेही समिति की पहली बैठक मंगलवार को सचिवालय में हुई. इस बैठक को संबोधित करते हुए समिति के सदस्य सचिव और एडीजी (सतर्कता) बीजू जॉर्ज जोसफ ने समिति की कार्यप्रणाली और संरचना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेही समिति वृत्ताधिकारी (सीओ) और उससे ऊपर रैंक के अधिकारियों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों और दुराचरण के गंभीर मामलों की जांच करेगी. इससे पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर अंकुश लगेगा.
समिति के सदस्य गोपाराम मेघवाल ने कहा कि प्रदेश में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए समिति की पुलिस के साथ मजबूत भागीदारी होनी चाहिए. इसके लिए समिति की ओर से संभाग से लेकर तहसील मुख्यालय तक कैंप कोर्ट का आयोजन किया जाना चाहिए. समिति सदस्य अजीज ने कहा कि पुलिस अधिकारी सभी के साथ समान और निष्पक्षता के साथ व्यवहार करे. यह सुनिश्चित होना चाहिए.
उन्होंने मांग रखी कि महंगाई राहत कैंप जैसे सरकार के अहम कार्यक्रमों में समिति के सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए. वहीं, समिति की महिला सदस्य सुनीता भाटी ने कहा कि इस समिति के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी मिले. इसके लिए इसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए. समिति को पुलिस के साथ मिलकर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए.
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गांव-ढाणी तक जाकर आमजन को करेंगे जागरूक : इस समिति के अध्यक्ष एचआर कुड़ी ने कहा कि फिलहाल पुलिस जवाबदेही समिति के अधिकारों और कार्यप्रणाली को लेकर आमजन और पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में भी जानकारी और जागरुकता का अभाव है. उन्होंने कहा कि इस समिति का लक्ष्य है कि गांव-ढाणी तक जाकर आमजन को जागरूक किया जाए. इसके लिए सचिवालय के कार्यालय से बाहर निकल कर जिला मुख्यालय और संभाग मुख्यालयों पर ज्यादा से ज्यादा बैठक और कैंप कोर्ट का आयोजन किया जाएगा. इससे आम नागरिकों को उनके अधिकारों की जानकारी हो सकेगी. इसके साथ ही उनकी शिकायतों का निस्तारण भी मौके पर ही संभव हो सकेगा.