जयपुर. 484 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले जयपुर को 8 जोन में बांटा हुआ है. यहां की करीब 35 लाख से ज्यादा की आबादी और लाखों घर, हजारों दुकानें, सैकड़ों फैक्ट्री इस शहर में है. जहां तक आपात सेवा विशेषकर अग्निशमन सेवा की बात हो तो जयपुर में 11 अग्निशमन केंद्र मौजूद हैं. जिन पर 147 अधिकारी और 150 के करीब संविदा कर्मचारी मौजूद है. ये अधिकारी और कर्मचारी विपरीत परिस्थितियों में आग लगने पर उसे बुझाने का काम करते हैं.
आग बुझाने वाले दमकल कर्मियों के सामने ढेरों चुनौतियां, खुद की सेफ्टी के उपकरण तक नहीं
आगजनी जैसी आपात परिस्थितियों में जान और माल की रक्षा करने वाले जयपुर अग्निशमन दस्ते के फायरमैन खुद असुरक्षित हैं. राजधानी में तैनात फायरमैन के पास फायर सूट और ब्रीथिंग किट जैसे उपकरण मौजूद नहीं है. यहां तक कि गम बूट भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद नहीं है. बावजूद इसके विपरीत परिस्थितियों में ये फायरमैन अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जबकि प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है.
आग बुझाने के अलावा उनके सामने कई चुनौतियां होती है. सबसे बड़ी बात कि कोई जनहानि ना हो, जिसके लिए ये खुद भी हमेशा तत्पर रहते हैं. लोगों से भी इनकी अपेक्षाएं रहती है कि वो भी जागरूक हो. ताकि समय रहते बचाव कार्य पूरा किया जा सके. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इन फायर ऑफिसर और फायरमैन के पास खुद की सुरक्षा के लिए उपकरण तक मौजूद नहीं है.
महज खाकी वर्दी पहने ये फायरमैन अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान और माल की रक्षा करते हैं. इन फायरमैन के पास फायर सूट, गम बूट और ब्रीथिंग किट तक नहीं है. इन सुरक्षा उपकरणों के बिना भी तमाम फायरमैन सभी चुनौतियों का सामना पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. ऐसे में प्रशासन की भी जिम्मेदारी बनती है कि इन फायरमैन को सुरक्षा के पूरे उपकरण मुहैया कराएं. ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.