जयपुर. सरना डूंगर की नमकीन फैक्ट्री हो या फिर झोटवाड़ा की मोबाइल शॉप या फिर रामगंज की वो तीन दुकान जो पिछले दिनों आग की भेंट चढ़ गई. मामले गर्मी शुरू होने के साथ ही राजधानी जयपुर में खबरों की सुर्खियां भी बने और जयपुर फायर टीम के लिए चुनौती का सबब बने बीते 1 सप्ताह में अब तक 58 आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि फायर टीम की मुस्तैदी से हादसों को बड़ा होने से रोक लिया गया. इसमें कोई जनहानि तो नहीं हुई लेकिन लाखों करोड़ों का माल जलकर खाक हो गया. लगातार शहर में चल रहे हादसों के खेल से निपटने के लिए जयपुर फायर टीम कितनी तैयार है ये जानने के लिए ईटीवी भारत डीसी फायर के पास पहुंचा. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि शहर में 11 फायर स्टेशन है.
गर्मी शुरू होते ही आग का खेल शुरू...एक सप्ताह में 58 घटनाएं - fire accidents
गर्मी शुरू होते ही आग ने रूप दिखाना शुरू कर दिया है.शहर में लगातार इमारतों, दुकानों और शोरूम में आग लगने का सिलसिला जारी है.बीते 1 सप्ताह में आग लगने के 58 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें अब तक कोई जनहानि तो नहीं हुई. लेकिन लाखों-करोड़ों का माल जलकर खाक हो चुका है. गर्मी में चल रहे आग की इस चुनौती से लड़ने के लिये खेल जयपुर फायर टीम कितनी सक्षम है.ये जाना ईटीवी भारत ने...
जिस पर 300 फायरमैन तैनात हैं. इसके साथ ही 95 ड्राइवर भी अपनी ड्यूटी निभाने के लिए तैनात रहते हैं. हाल ही में जयपुर नगर निगम ने फायर फाइटिंग टीम को मजबूत करने के लिए 5 दमकल उपलब्ध कराई. जिसके बाद अब शहर की आग बुझाने के लिए 52 दमकल 1 एयर हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफार्म और 20 मोटरबाइक मौजूद है. हालांकि जयपुर के पास स्टेशन पर 10 वाहन ऐसे हैं जो पूरी तरह कंडम हो चुके हैं. हादसों की संख्या और बढ़ते जयपुर को देखते हुए राजधानी के फायर ब्रिगेड वाहन भी कम है. जरूरत है उन 10 चेसिस को अपडेट करने की लेकिन आचार संहिता के चलते फिलहाल इसकी संभावना कम ही है.