जयपुर. प्रदेश में एक दिन पहले आधा दर्जन जिला कलेक्टरों द्वारा खरीफ फसलों के लिए कृषि ऋण के बजट की कमी पर चिंता जताई गई थी. जिस पर प्रदेश के वित्त विभाग ने बैंक गारंटी देने और सहकारिता विभाग को ऋण माफी के लिए एक किश्त के रूप में 11 सौ 50 करोड़ रुपए जारी करने पर सहमति व्यक्त की है.
दरअसल, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के ऋण माफ करने के बाद केंद्रीय और राज्य सहकारी बैंकों की स्थिति खराब हो गई है. वहीं सहकारी बैंक अपने पुराने ऋण चुकाने और किसानों को नए ऋण देने की स्थिति में नहीं है. साथ ही नाबार्ड ने अपने नियमों के चलते इस साल रिफाइनेंस करने पर रोक लगा दी है. नाबार्ड के नियमों के अनुसार पिछले साल के 5 हजार करोड़ रुपए के लोन जब तक बैंक को नहीं दिए जाएंगे तब तक इन्हें नाबार्ड रिफाइनेंस नहीं करेगा.