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संयुक्त किसान मोर्चा उठाएगा आवाज, आज राजभवन तक किसान करेंगे मार्च

संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर 26 नवंबर को जयपुर (Farmers will march to Raj Bhawan) में किसान 'राजभवन मार्च' करेंगे. केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के समर्थन का ऐलान है. मार्च शहीद स्मारक गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे से शुरू होगा राजभवन पहुंचेगा.

संयुक्त किसान मोर्चा उठाएगा आवाज
संयुक्त किसान मोर्चा उठाएगा आवाज

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Published : Nov 25, 2022, 9:43 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 9:08 AM IST

जयपुर. संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 नवंबर को भारत के सभी किसानों से देश भर में 'राजभवन मार्च' (Farmers will march to Raj Bhawan) करने और संबंधित राज्यपालों के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने का आह्वान किया है. इसी के तहत राजधानी जयपुर में भी 26 नवम्बर को राज्य के किसान संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में राजभवन मार्च करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देंगे.

ये हैं मांगें

  • सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत सीटू + 50% न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून बनाने.
  • एक व्यापक ऋण माफी योजना के माध्यम से सभी किसानों की सम्पूर्ण "कर्ज मुक्ति".
  • बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लो.
  • लखीमपुर-खीरी में किसानों व पत्रकारों के नरसंहार के आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई.
  • प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने पर शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए "व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा योजना".
  • सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को प्रति माह 5,000/रुपये की "किसान पेंशन".
  • किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को वापस लेने.
  • किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को "मुआवजे का भुगतान" शामिल हैं.

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राज्य की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
किसानों की प्रदेश सरकार से राज्य के स्तर मांग है. राज्य स्तरीय मांगों पर मुख्यमंत्री या अन्य किसी जिम्मेदार को ज्ञापन दिया जायेगा. राज्य के किसानों की अन्य प्रमुख मांगों जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (msp) पर बाजरा, मूंग, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलों की खरीद तुरंत शुरू की जाए. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सही क्रॉप कटिंग करवाई जाए, क्रॉप कटिंग के बाद बरसात से फसलों को हुए नुकसान के लिए दोबारा रिपोर्ट करवाकर मुआवजा और कृषि बीमा का बीमा क्लेम दिया जाए. इसके साथ ही किसान का बकाया कृषि बीमा क्लेम तुरंत दिए जाने, राज्य के किसानों को डीएपी, बीज और यूरिया की आपूर्ति बिना बाधा के तुरंत की जाए. बिजली के डिमांड जमा कृषि कुओं को तुरंत बिजली कनेक्शन दिए जाने के साथ किसानों को अच्छी बिजली दी जाए. नहरों और बांधों से किसानों को खेती के लिए आवश्यक पर्याप्त पानी दिया जाए. राजस्थान में किसानों पर किसान आंदोलनों में बने सभी मुकदमे वापिस लिए जाएं.

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दिल्ली चलो अभियान
किसान नेताओं संजय माधव का कहना था कि 26 नवंबर 2020 को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से शुरू किया गया ऐतिहासिक 'दिल्ली चलो आंदोलन', दुनिया का सबसे लंबा और सबसे बड़ा किसान आंदोलन साबित हुआ और इस आंदोलन ने किसानों को उनकी जमीन और रोज़ी-रोटी से बेदखल करने के कॉर्पोरेट-राजनीतिक गठजोड़ के षडयंत्र के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाई. सयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान ने मोदी सरकार के साथ 9 दिसंबर 2021 को, लगभग एक बर्ष पहले, कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी, बिजली बिल की वापसी सहित अन्य मांगों पर लिखित आश्वासनों को लागू नहीं कर किसानों को धोखा देने की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने ने बताया संयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान में शामिल सभी संगठनों ने राज्य भर में किसानों के संघर्ष को और ज्यादा तेज करने का संकल्प लिया. संयुक्त किसान मोर्चा राजस्थान ने कहा कि 26- नवम्बर का होने वाला “राजभवन मार्च” किसानों के आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत है.

किसानों से अपील
संयुक्त किसान मोर्चा राजस्थान ने सभी किसानों से अपील की है कि वे 'कर्ज मुक्ति-पूरा दाम' सहित सरकार की ओर से किए गए सभी वादे और सभी मांगें पूरी होने तक पुनः एक निरंतर चलने वाले और प्रतिबद्ध देशव्यापी संघर्ष के लिए तैयार रहें . सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी और कर्ज मुक्ति वह प्रमुख मांगें हैं, जिनके लिए किसान नव-उदारवादी नीतियों, जिसने कृषि संकट और किसानों की आत्महत्याओं को बढ़ा दिया है, के लागू होने के बाद से ही लगातार संघर्ष कर रहे हैं . 1995 के पश्चात देश में 4 लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्यायें की हैं और आज लगभग 68% किसान-परिवार भारी कर्ज में डूबे हुए और गंभीर वित्तीय संकट में हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक 1995 के बाद से देश में 4 लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्यायें की है. आज लगभग 68% किसान-परिवार भारी कर्ज में डूबे हुए और गंभीर वित्तीय संकट में हैं. ऐसे में मोर्चा ने आने वाले समय में आंदोलन को और ज्यादा तेज करने की कार्य योजना तय की है, जिसमें गांव स्तर से शुरू होकर पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों को आयोजित किया जाएगा.

Last Updated : Nov 26, 2022, 9:08 AM IST

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