कोटपुतली (जयपुर). कोटपूतली के राजकीय BDM अस्पताल में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया. जब एक शख्स को शवगृह में शिफ्ट करने के दौरान परिजन उसे जिंदा बता कर वापस इमरजेंसी में ले आए. हरियाणा के नांगल चौधरी के रहने वाले एक को युवक को गंभीर रूप से घायल होने के बाद कोटपूतली के BDM अस्पताल में रेफर किया गया था. जहां इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉ. दीपक सैनी ने उसे मृत घोषित किया.
मोर्चरी में युवक के जिंदा होने का परिजनों ने किया दावा इसके बाद उसे मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया गया. बाद में पोस्टमार्टम के लिए जब डॉक्टर पहुंचे तो परिजनों ने युवक के जिंदा होने का दावा किया. परिजनों का कहना है कि जब वो युवक के पास गए तो उसकी सांस चल रही थी. ऐसे में परिजनों ने युवक के सीने पर पंप किया. इस दौरान युवक ने अपनी गर्दन भी हिलाई.
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वहीं, जब उसे दोबारा इमरजेंसी में ले गए तो डॉक्टरों ने उसे फिर से मृत घोषित कर दिया. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि ये मरीज BDM अस्पताल में मृत लाया गया था. अस्पताल में लाने के बाद युवक की ECG भी कराई गई थी. लेकिन परिजनों की शिकायत के बाद दोबारा ECG की गई और ये भी फ्लैट निकली.
डॉक्टरों का कहना है कि कई बार मौत के तुरंत बाद शरीर में गैस की वजह से पेट फूला हुआ महसूस होता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो इंसान जिंदा हो. फिलहाल, वास्तविक स्थिति पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगी. इस अस्पताल में लापरवाही के कई मामले पहले भी सामने आते रहे हैं. लेकिन ये भी है कि जयपुर और दिल्ली के बीच राजस्थान में जिला स्तरीय अस्पताल सिर्फ यही एक है.