जयपुर.पारिवारिक न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने दिल्ली में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर पति को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी पत्नी को भरण-पोषण के तौर पर हर महीने 22 हजार 500 रुपए की राशि 22 सितंबर 2021 से दें. कोर्ट ने कहा कि जब पति खुद का स्टेटस मेंटेन रखने के लिए लोन लेकर आईफोन का उपयोग कर रहा है तो उसे पत्नी को भी अंतरिम भरण पोषण की राशि देनी चाहिए. अदालत ने यह आदेश पत्नी के भरण-पोषण प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए.
अदालत ने कहा कि प्रार्थिया पत्नी को भरण-पोषण राशि देने से बचने के लिए ही पति ने 15 लाख रुपए का लोन व आईफोन लोन पर लिया है, लेकिन इसके लिए उसने अपने बैंक खातों का कोई विवरण पेश नहीं किया है. ऐसे में अप्रार्थी पति का अपनी आय कम दिखाने के लिए ही लोन लेना बताया जाना प्रतीत होता है. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि 5 फरवरी 2020 को जयपुर निवासी प्रार्थिया की शादी अप्रार्थी के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही पति ने दहेज की मांग की और उसे प्रताड़ित किया.