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राजस्थान कांग्रेस में परिवारवाद का बोलबाला, पहले परिजनों को पीसीसी सदस्य बनाने वाले अब खुद कोटे में बने मेंबर

कांग्रेस परिवारवाद के मसले पर सियासी गलियारों में घिरती रही है. कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर के बाद डिक्लरेशन में भी पार्टी की ओर से परिवारवाद से दूरी बनाने की बात कही गई थी, लेकिन राजस्थान कांग्रेस के नेता ही परिवारवाद (Familism in Rajasthan Congress) के जंजाल से बाहर नहीं निकल पा रहे. देखिए ये रिपोर्ट...

Familism in Rajasthan Congress
राजस्थान कांग्रेस में परिवारवाद

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Published : Oct 15, 2022, 11:04 AM IST

Updated : Oct 15, 2022, 1:00 PM IST

जयपुर. भले ही उदयपुर संकल्प के जरिए कांग्रेस पार्टी ने परिवारवाद पर नकेल कसने का प्रयास किया हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी है कि वह समाप्त होने का नाम नहीं ले रही. राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद (Familism in Rajasthan Congress) कितना हावी है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब दो दर्जन से ज्यादा विधायक और मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने अपने कांग्रेस कार्यकर्ता को मौका देने की जगह परिजनों को प्रदेश कांग्रेस सदस्य बना दिया था. तो बाकी रही सही कसर अब बने उन 13 पीसीसी मेंबर्स ने पूरी कर दी, जिन्होंने पहले अपने परिजनों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया और अब खुद विधायक कोटे या पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के कोटे में पीसीसी सदस्य बन गए हैं.

अशोक गहलोत और वैभव गहलोत
सचिन पायलट और उनकी मां रमा पायलट

गहलोत-पायलट भी शामिल: हालात यह है कि जिस राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने उदयपुर में हुए नव संकल्प शिविर में परिवारवाद पर अंकुश लगाने के लिए कायदे बनाए थे. उसी राजस्थान में यह कायदे टूटते हुए नजर आ रहे हैं. हालात यह है कि राजस्थान में 14 नेता ऐसे हैं जो खुद भी प्रदेश कांग्रेस सदस्य बने हैं और उन्होंने अपने परिजनों को भी प्रदेश कांग्रेस सदस्य बनाया है. इस लिस्ट में राजस्थान की राजनीति जिन दोनों नेताओं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के इर्द-गिर्द घूम रही है वह भी शामिल हैं.

विधायक दिव्या मदेरणा और उनकी मां जिला प्रमुख लीला मदेरणा

पढ़ें- Political Dynasties in Rajasthan : एक ही फैमिली के कई सदस्य पार्टी चुनी अलग-अलग, परिवारवाद या वंशवाद आखिर इन्हें कहें तो कहें क्या?

पहले परिजनों को बनवाया पीसीसी सदस्य- 400 पीसीसी सदस्य जब बने थे उस समय कई नेता ऐसे थे जिन्हें लेकर कहा जा रहा था कि अगर उन्होंने अपने परिजनों को पीसीसी मेंबर बनाया है तो वह खुद पीसीसी मेंबर नहीं बने हैं. लेकिन उस कमी को अब बने 13 पीसीसी सदस्यों ने पूरा कर दिया है. जिसमें विधायक कोटे से पीसीसी सदस्य बने मंत्री गोविंद मेघवाल अपनी बेटी सरिता चौहान को पहले ही पीसीसी सदस्य बना चुके हैं.

मंत्री गोविंद मेघवाल और उनकी बेटी सरिता चौहान

इसी तरीके से मंत्री लालचंद कटारिया अपने भाई की पत्नी रेखा कटारिया को निर्वाचित पीसीसी मेंबर बनवा चुके हैं, तो विधायक कोटे में पीसीसी सदस्य बने राजेंद्र यादव भी अपने बेटे मधुर यादव को पहले ही पीसीसी सदस्य बना चुके हैं. यही हाल विधायक कोटे में प्रदेश कांग्रेस सदस्य बनने वाले रघु शर्मा का भी है जिन्होंने अपने बेटे को पहले ही निर्वाचित पीसीसी सदस्य बना लिया था और अब खुद विधायक कोटे में पीसीसी सदस्य बन गए हैं. यही कारण है कि जो कमी परिवारवाद के मामले में पहले रह गई थी वह अब पूरी हो गई है. यही हाल उन पूर्व प्रदेश अध्यक्षों का है जिन्हें यह पता था कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के नाते वह पीसीसी सदस्य बनेंगे. ऐसे में उन्होंने पहले ही अपने परिजनों को निर्वाचित पीसीसी सदस्य बनवा दिया.

उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी और उनकी पत्नी सुनीता चौधरी

पढ़ें- Rajasthan: पीसीसी में भी परिवारवाद हावी, जहां निर्दलीय In वहां कांग्रेस Out

ये नेता जो खुद भी बने पीसीसी सदस्य और अपने परिजनों को भी बनाया

  • मंत्री लालचंद कटारिया और उनके भाई की पत्नी रेखा कटारिया
  • मंत्री राजेंद्र यादव और उनके बेटे मधुर यादव
  • मंत्री गोविंद मेघवाल और उनकी बेटी सरिता चौहान
  • उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी और उनकी पत्नी सुनीता चौधरी
  • मंत्री मुरारी लाल मीणा और उनकी पत्नी सविता मीणा
  • रघु शर्मा और उनके बेटे सागर शर्मा
  • दीपेंद्र सिंह शेखावत और उनके बेटे बालेंदु सिंह
  • विधायक गुरमीत कुन्नर और उनके बेटे रूबी कुन्नर
  • विधायक दिव्या मदेरणा और उनकी मां जिला प्रमुख लीला मदेरणा
  • सचिन पायलट और उनकी मां रमा पायलट
  • पूर्व सांसद बद्री जाखड़ और उनकी बेटी मुन्नी गोदारा
    मंत्री मुरारी लाल मीणा और उनकी पत्नी सविता मीणा

पूर्व अध्यक्ष के कोटे में पीसीसी सदस्य बनना था, ऐसे में अपने परिजनों को बनवा दिया पहले ही पीसीसी सदस्य

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत
  • नारायण सिंह और उनके बेटे वीरेंद्र चौधरी
  • गिरिजा व्यास और उनके भाई गोपाल शर्मा

इन मंत्रियों-विधायकों ने अपने परिजनों को बनाया पीसीसी सदस्य

  • विधायक नरेंद्र बुडानिया ने अपने बेटे अमित बुडानिया को
  • विधायक बाबूलाल बैरवा ने अपने बेटे अवधेश बेरवा को
  • विधायक मीना कंवर ने अपने पति उमेद सिंह को
  • मंत्री जाहिदा खान ने अपने पति जलीस खान और बेटे साजिद खान को
    मंत्री राजेंद्र यादव और उनके बेटे मधुर यादव

ये निर्दलीय विधायक खुद नहीं बन सके तो बनाया अपने परिजनों को पीसीसी सदस्य

  • निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर के बेटे विकास नागर
  • निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल की पत्नी सविता बेनीवाल
Last Updated : Oct 15, 2022, 1:00 PM IST

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