जयपुर.पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है और बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी राजधानी में घूमने आ रहे हैं. लेकिन सैलानियों के जयपुर पहुंचने के साथ ही लपके और फर्जी गाइड उन्हें होटलों में ठहराने, ऐतिहासिक स्मारकों की विजिट करवाने के नाम पर परेशान करना शुरू कर देते हैं. हालांकि, कानूनी झंझट में फंसने से बचने के लिए पर्यटक कोई मुकदमा दर्ज नहीं करवाते. हालांकि पर्यटकों की सुरक्षा और सहायता के लिए बनाया गया पर्यटन थाना ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज कर लपकों और फर्जी गाइड के खिलाफ कार्रवाई करती है.
पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि बीते 20 महीने में जयपुर के पर्यटन थाने में 115 मुकदमें दर्ज हुए हैं. इनमें से 53 मुकदमें इस साल में अब तक दर्ज हुए हैं. इनमें से 90 फीसदी मुकदमें फर्जी गाइड बनकर पर्यटकों को परेशान करने और ठगने से जुड़े हैं. डीसीपी (उत्तर) राशि डोगरा डूडी का कहना है कि सैलानियों की सुरक्षा और सहायता के लिए स्मारकों पर पुलिस के जवान तैनात किए जाते हैं. जो पर्यटकों को अनाधिकृत रूप से परेशान करने वाले फर्जी गाइड और ठगों पर नजर रखते हैं और लगातार अपराध करने पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी करते हैं.
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पहली बार चेतावनी, दूसरी बार में गिरफ्तारी: फर्जी गाइड बनकर सैलानियों को सस्ती दर पर शहर के विभिन्न स्मारकों में घुमाने और जान-पहचान वाले शोरूम पर खरीदारी करवाने के लिए परेशान करने के मामले ज्यादा सामने आते हैं. ऐसे मामलों में पर्यटन थाना पुलिस के जवान पहली बार पकड़े जाने पर समझाइश करते हैं. दूसरी बार ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाता है. बीते 20 महीने में लगातार दूसरी बार अपराध करने पर पर्यटन थाना पुलिस ने 11 फर्जी गाइड को गिरफ्तार किया है.