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Fagotsav in Govind Dev Ji Mandir: गोविंद देव जी मंदिर में 200 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन, फागोत्सव शुरु

जयपुर के आराध्य देव गोविंद देव जी के मंदिर में बुधवार को रचना झांकी के साथ ही फागोत्सव का शुभारंभ हो गया. यह फागोत्सव करीब 200 साल से मनाया जा रहा है.

Fagotsav in Govind Dev Ji Mandir begins with Rachana Jhanki
गोविंद देव जी मंदिर में 200 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन, फागोत्सव शुरु

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Published : Feb 15, 2023, 4:25 PM IST

जयपुर. फाल्गुन का महीना शुरू होने के साथ ही छोटी काशी के लोगों को गोविंद देव जी मंदिर में होने वाले फागोत्सव का इंतजार रहता है. ये इंतजार बुधवार को रचना झांकी के साथ खत्म हुआ. गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर जी की प्राकृतिक गुलाल से सफेद सूती कपड़े पर रंगों को उकेरते हुए पोशाक धारण कराई गई.

करीब 200 वर्षों से लगातार हर वर्ष गोविंद देव जी मंदिर में फागोत्सव मनाया जाता रहा है. साल दर साल इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. गोविंद देव जी मंदिर में बुधवार को ठाकुर जी की रचना झांकी सजाकर फागोत्सव की शुरुआत हुई. राजभोग झांकी के बाद दोपहर 12:30 रचना झांकी के विशेष दर्शन हुए. इस दौरान ठाकुर जी, राधा रानी और सखियों को गुलाल में विशेष पोशाक धारण करवाई गई. वहीं मंदिर प्रांगण सुगंधित गुलाल से महक उठा.

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श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अंतिम समय में झांकी का समय 15 मिनट और बढ़ाते हुए 1:00 बजे तक किया गया. मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी के अनुसार रचना झांकी 26 फरवरी तक हर दिन सजाई जाएगी. इसमें भगवान कृष्ण की बाल लीलाएं खास होंगी. जिसे गुलाल और प्राकृतिक रंगों से सफेद सूती कपड़े पर उकेरा जाएगा. रचना झांकी को नियमित मंदिर के सेवक ही सजाएंगे.

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आपको बता दें कि बुधवार से होली तक मंदिर प्रांगण में फागोत्सव को लेकर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा. जिसमें सैकड़ों कलाकार प्रस्तुतियां देंगे. 27 फरवरी से 2 मार्च तक चार दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम होलिकोत्सव होगा. इसके अंतर्गत दोपहर 12:30 से शाम 4:30 बजे तक विभिन्न कलाकार ठाकुर श्रीजी के समक्ष सेवा अर्पित करेंगे. होली का खास आयोजन पुष्प फागोत्सव के रूप में 3 और 4 मार्च को होगा.

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भजन सम्राट श्रीकांत शर्मा दोपहर 1:00 से शाम 4:30 बजे तक भजन अमृत वर्षा करेंगे, भजनों के साथ राधा-कृष्ण और गोपी-ग्वालों के स्वरूप नृत्य करेंगे. दूसरे दिन फूलों की होली आकर्षण का केन्द्र रहेगी. शेखावाटी के कलाकार भी इस दौरान अपनी प्रस्तुतियां देंगे. 5 मार्च को होली पद भजन अमृत वर्षा अनुष्ठान होगा और गुलाल होली 6 मार्च को राजभोग आरती के बाद खेली जाएगी.

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