जयपुर. आज पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मना रहा है. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत साल 2012 में संयुक्त राष्ट्र ने की थी. जिसके बाद से हर साल 11 अक्टूबर की इस तारीख को एक थीम के साथ पूरे विश्व में बेटियों के अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए और समाज में उन्हें समानता का अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है. भारत में आज बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान चलाने पड़ रहे हैं. आज जब बेटियां घरों से निकल रही हैं तो परिवार के लोग उनकी फिक्र कर रहे हैं.
भारत में साल 2019 में महिलाओं और बेटियों पर अत्याचार के 4,05,862 केस दर्ज किए गए हैं, जो साल 2018 से 7.3 फीसदी से ज्यादा है. वहीं बात अगर राजस्थान की बात करें तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान का महिलाओं और बेटियों पर अत्याचार के लिए भारत में दूसरा स्थान है.
राजस्थान में साल 2019 में महिलाओं पर अत्याचार के 41,550 केस दर्ज किए गए. NCRB के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2019 में हर दिन दुष्कर्म के 88 मामले दर्ज किए जाते हैं. साल 2019 में देश में दुष्कर्म के कुल 32,033 मामले दर्ज किए गए. वहीं, राजस्थान दुष्कर्म मामले में देश में प्रथम स्थान पर है. साल 2019 में प्रदेश में दुष्कर्म के 5,997 केस दर्ज किए गए.
यही नहीं भारत में एसी कई बच्चियां हैं, जिन्हें इस दुनिया में आने ही नहीं दिया जाता है, मसलन उन्हें गर्भ में ही मार दिया जाता है. साल 2019 में देश भर में कन्या भ्रूण हत्या के 1950 केस दर्ज किए गए. जिनमें राजस्थान में 22 मामले दर्ज किए गए हैं. ये वो मामले हैं जो दर्ज हुए, ना जाने ऐसी कितनी ही हत्याएं खामोशी से कर दी जाती हैं.