जयपुर.विश्व सूफी संगीत समारोह के दौरान नूरां सिस्टर्स की ओर से (Jugalbandi of Nooran Sisters in Jaipur) दी गई शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया. कार्यक्रम के अंतिम दिन की शुरुआत 'हुमा' से हुई, जो फीनिक्स जैसे पौराणिक पक्षी पर आधारित एक नृत्य बैले है. इसके माध्यम से असफलता और सफलता के पथ को दिखाते हैं. संगीत मुजफ्फर अली की ओर से रचित था और जसलीन कौर मोंगिया और शाहिद नियाजी की ओर से प्रस्तुत किया गया था और मुराद अली ने आवाज दी थी.
नूरां बहनों की जुगलबंदी ने किया महफिल को सूफियाना : पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ के अनुसार पर्यटन विभाग की ओर से (Music Festival Jahan e Khusro in Jaipur) दूसरे दिन भी रविवार को अल्बर्ट हॉल पर जहान-ए-खुसरो का आयोजन किया गया। इसमें मुजफ्फर अली के हुमा-द सेलेश्चल बर्ड 'हुमा' नृत्य ने दर्शकों का मन मोहा. इसमें आकाशीय पक्षी की कहानी को जीवंत किया गया. वहीं, संगीतकार नूरान बहनों की जुगलबंदी ने शाम को सूफियाना बना दिया. इनकी ओर से 'सदा ए सूफी' की प्रस्तुति दी गई.