चाकसू (जयपुर). क्षेत्र में विद्युत करंट से एक युवक की को मौत हो गई. इसको लेकर ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर आरोप लगाया है कि विभाग अपने कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहा है. बिजली कर्मी बिना सुरक्षा उपकरण के खंभे में चढ़कर काम करते नजर आते हैं. ठेका कंपनियां भी बिजली सुधार कार्यों में सुरक्षा की अनदेखी करते हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं देता है.
चाकसू में काम के दौरान करंट लगने से एक विद्युत कर्मी की मौत शनिवार सुबह कोटखावदा इलाके में बिजली लाइन पर कार्य करते समय एक कर्मी करंट की चपेट में आ गया, जिससे युवक की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार मृतक खेड़ाबाढ़ मुरलीपुरा ढाणी निवासी रामधन शर्मा बताया जा रहा है. कार्य के दौरान कर्मचारियों ने विद्युत आपूर्ति बंद करवा रखी थी, लेकिन लापरवाही के चलते बिना सूचना ही आपूर्ति शुरू कर दी गई, जिससे ग्रिड पर काम कर रहे रामधन को करंट लगा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत गई.
बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार हुआ युवक विद्युत विभाग का कर्मचारी नहीं था, लेकिन ठेकेदार द्वारा विद्युत लाइनों पर कार्य करता था. घटना के बाद मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने शव रखकर गरूड़वासी विद्युत ग्रिड पर विरोध धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान चाकसू-गरूड़वासी सड़क मार्ग को भी कुछ समय जाम कर उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाया. चाकसू सीआई बृजमोहन कविया, शिवदासपुरा एसएचओ इंद्रराज मरोड़िया और कोटखावदा पुलिस ने काफी देर लोगों से समझाइश की, लेकिन बात नहीं बनी. बाद में उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण और विद्युत विभाग एक्सइएन करणसिंह मीना मौके पर पहुंचकर मृतक के आश्रित को सरकारी सहायता एवं परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नॉकरी देने के आश्वासन पर मामला शांत हुआ.
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बता दें कि बिजली विभाग के अधिकांश काम ठेके पर चल रहा है, जहां सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाते है. बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जूता, हेलमेट, दस्ताने दिए जाते हैं, ताकि कार्य के दौरान सुरक्षा से काम कर सकें. कई बार कर्मचारी सब स्टेशन या लाइन में फाल्ट को सुधारने पहुंचते हैं. इस वजह से करंट फैलने की आशंका रहती है. बिना सुरक्षा उपकरण के जाने से जान को खतरा बना रहता है. ऐसे में देखा जाता है कि अधिकतर मामलों में कर्मचारियों की मौत नीचे गिरने और करंट लगने से होती है. वहीं विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण प्रतिवर्ष इस तरह के हादसे होते रहते हैं. इनमें कइयों की मौत होती है तो कई झुलस जाते हैं, लेकिन विद्युत विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहा. अब देखना यह होगा कि विभाग और प्रशासन हादसे के बाद भी सुध लेता है या नहीं.