राजस्थान में डिजिटल एजुकेशन पर फोकस जयपुर.कोरोनाकाल में स्कूल और कॉलेजों के बंद होने से प्रदेश के लाखों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई. भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार डिजिटल एजुकेशन पर फोकस कर रही है ताकि किसी भी सूरत में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो. अब राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए मजबूत करने की कोशिश कर रही है.
राज्य सरकार ने उठाया कदम -स्माइल कार्यक्रम से जिस ई-लर्निंग की कवायद शुरू हुई, उसे अब लर्निंग गैप कवर करने और ई-एजुकेशन को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. इसके लिए स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, डिजिटल लाइब्रेरी और विभिन्न संस्थानों का साथ लेकर मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए छात्रों को एजुकेशन देने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है.
निजी संस्थानों संग एमओयू साइन -असल में राज्य सरकार डिजिटल एजुकेशन को प्रमोट करने को लगातार कदम उठा रही है. इसके लिए स्मार्ट क्लासरूम, आईसीटी कंप्यूटर लैब के साथ ही विद्या समीक्षा केंद्र बनाया जाना प्रस्तावित है. साथ ही विभिन्न प्राइवेट संस्थानों के साथ ही एमओयू साइन कर मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए भी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को डिजिटल एजुकेशन दी जा रही है.
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राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना - राजस्थान शिक्षा परिषद के आयुक्त डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि इस साल के बजट घोषणा में भी सीएम गहलोत ने ई लर्निंग को लेकर प्रावधान तय किए हैं. वहीं, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न एनजीओ और संस्थानों को कंटेंट उपलब्ध कराया जाता है और कक्षावार विभिन्न मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए छात्रों को ई एजुकेशन उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में संचालित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना के तहत शुरू किए गए स्कूल हैं. जिन्हें अधिक प्राथमिकता दी जा रही है.
दूसरे स्थान पर राजस्थान - इनमें कक्षा एक से पांचवीं तक के सभी विषय और कक्षा छठी से 12वीं तक गणित और विज्ञान विषय को लेकर ई एजुकेशन के तहत शिक्षा दी जाएगी. जिसमें छात्रों को पाठ्यक्रम के अलावा उनकी जिज्ञासा का भी समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लर्निंग आउटकम्स में फिलहाल राजस्थान का चंडीगढ़ के बाद दूसरा स्थान है. इसे और बेहतर करने का प्रयास विभाग की ओर से जारी है.
स्मार्ट क्लासरूम और कंप्यूटर लैब -आईसीटी योजना के तहत 114.80 करोड़ की लागत से 9401 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम तैयार किए जा रहे हैं. इसके तहत स्मार्ट टीवी और सेट टॉप बॉक्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा 599 सरकारी स्कूल जयपुर जिले में हैं. उधर, 74 करोड़ की लागत से 398 विद्यालयों में आईसीटी कंप्यूटर लैब बनाने के लिए कार्य आदेश जारी किए गए हैं. वहीं, 412 विद्यालयों में कंप्यूटर लैब के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. इसके अलावा 301 ब्लॉक कार्यालयों में आईसीटी कंप्यूटर लैब और जन सहभागिता योजना के तहत 1331 स्कूलों में कंप्यूटर लैब के लिए कार्यादेश जारी किए गए हैं.
36.56 करोड़ की स्वीकृति - इसके अलावा सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए नीट और जेईई की तैयारी भी मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए कराने के लिए एक प्राइवेट संस्थान से एमओयू साइन किया गया. नौवीं से बारहवीं तक के 10 हजार छात्रों को एक मिनट में क्वेरी सॉर्ट आउट करने की भी ऑनलाइन व्यवस्था की गई है. इसी तरह शिक्षा विभाग ने भी डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने और मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए छात्रों को ई एजुकेशन देने को 36 एनजीओ से एमओयू किए हैं. राज्य सरकार ने इस बजट घोषणा में 344 आवासीय विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की भी घोषणा की है. जिस पर 36.56 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है.