जयपुर. राजस्थान की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में बड़े पैमाने पर धन के लेनदेन की जांच कर रही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आखिरकार बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए रीट-2021 पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा को गिरफ्तार कर लिया है. पिछले दिनों ईडी ने रीट-2021 पेपर लीक मामले, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक में बड़े पैमाने पर रुपए के लेनदेन को लेकर प्रदेशभर में 28 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
इसी कड़ी में अब ईडी ने रीट-2021 पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा को गिरफ्तार कर लिया है. उसे बुधवार को जयपुर स्थित पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उसे 27 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. अब ईडी पेपर लीक मामले को लेकर उससे गहनता से पूछताछ करेगी. इस पूछताछ के बाद रीट-2021 के आयोजन से जुड़े कई अधिकारियों और सत्ताधारी पार्टी से जुड़े कुछ नेताओं पर भी ईडी शिकंजा कस सकती है.
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दरअसल, रीट-2021 पेपर लीक मामले की जांच पहले राजस्थान पुलिस कर रही थी. बाद में इसकी जांच एसओजी को सौंपी गई थी. ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश कर रही है. इस मामले में रामकृपाल मीणा से पूछताछ की गई और पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया. अब रीट-2021 पेपर लीक मामले को लेकर ईडी रामकृपाल मीम से गहनता से पूछताछ करेगी.
24 सितंबर को शिक्षा संकुल से हासिल किया था पेपर : बता दें कि राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 (रीट) का आयोजन 26 सितंबर 2021 को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से किया गया था. इस परीक्षा का पेपर रामकृपाल मीणा ने शिक्षा संकुल स्थित स्ट्रांग रूम से अन्य लोगों से मिलीभगत कर हासिल किया था. यह पेपर देने के बदले उसे 1.20 करोड़ रुपए मिले थे. 26 सितंबर को परीक्षा के बाद से ही बड़े पैमाने पर पेपर आउट होने के आरोप लगे. पहले इस मामले की जांच राजस्थान पुलिस ने की और बाद में यह मामला एसओजी को सौंपा गया. एसओजी ने 27 जनवरी 2022 को रामकृपाल मीना को गिरफ्तार कर लिया था.
1.07 करोड़ रुपए नकद किए थे जब्त : इस मामले में रामकृपाल मीणा की गिरफ्तारी के बाद उसके कब्जे से एसओजी ने 1.07 करोड़ रुपए नकद जब्त किए थे. जबकि कई संदिग्ध खातों में जमा करीब 17 लाख रुपए की राशि फ्रीज करवाई थी. बता दें कि रामकृपाल मीणा एसएस कॉलेज के नाम से एक शिक्षण संस्थान चलाता था. रीट पेपर लीक मामले में उसकी गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि उसके कॉलेज का भवन सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया गया है. इस पर उसकी कॉलेज के चार मंजिला भवन पर भी बुलडोजर चलाकर जमींदोज किया गया था.
को-ऑर्डिनेटर पाराशर और डीईओ की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम से लिया था पर्चा : रीट-2021 के लिए जयपुर जिले का को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को बनाया गया था. एसओजी की जांच में सामने आया था कि 24 सितंबर 2021 को शिक्षा संकुल स्थित स्ट्रांग रूम से जयपुर की सब ट्रेजरी में पेपर भेजते समय पर्चा निकाला गया. इस स्ट्रांग रूम में दो लॉक लगे थे. एक की चाबी डिप्टी को-ऑर्डिनेटर बीएस बैरवा और दूसरी चाबी डीईओ रविंद्र फौजदार के पास थी. को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर ने दोनों चाबियों से ताले खुलवाकर बीएस बैरवा को किसी बहाने वहां से भेज दिया. इसी दौरान रामकृपाल ने पर्चा निकाल लिया. इस मामले में प्रदीप पाराशर को एसओजी ने गिरफ्तार किया था. रीट पेपर लीक मामले में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त किया गया था.