आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी भी बनेंगे डॉक्टर-इंजीनियर जयपुर.प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति उनकी प्रगति में बाधा नहीं बनेगी. इन विद्यार्थियों (Free coaching to financially weak students) को अब जेईई और नीट की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग सुविधा मिल सकेगी. शिक्षा विभाग की ओर से इसको लेकर पहल की जा रही है. योजना के तहत चुने गए विद्यार्थियों को एक साल के लिए पुणे में नि:शुल्क कोचिंग दिलवाई जाएगी.
समसा निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बड़ी (Free coaching for NEET and JEE in Rajasthan) संख्या में विद्यार्थी ऐसे हैं जो मेधावी तो हैं, लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं. इसके चलते वो हायर या प्रोफेशनल स्टडीज में एडमिशन नहीं ले पाते. ऐसे ही विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग इस योजना को शुरू कर रहा है.
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फैक्ट्स :
- तीन संस्थान के साथ शिक्षा विभाग का एमओयू
- एक संस्थान महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों के छठी से 12वीं तक के विद्यार्थियों को मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए मैथ्स और साइंस पढ़ाएगी.
- एक संस्थान प्रदेश के 5000 टॉपर और 1000 छात्राओं को नीट-जेईई की तैयारी कराएगी.
- एक अन्य संस्थान 9वीं से 12वीं तक के 10000 विद्यार्थियों को 60 सेकंड में क्वेरी शॉर्ट आउट करेगी.
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ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास कर सकेंगे : समसा निदेशक ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जो 2023 में 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, उनके आवेदन लिए गए हैं. चयनित विद्यार्थियों को एक वर्ष के लिए कोचिंग के साथ खाने और रहने की सुविधा भी फ्री में दी जाएगी. योजना का लाभ उन विद्यार्थियों को मिल सकेगा, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग ने 36 एनजीओ से एमओयू किया है. इनमें तीन संस्थान विद्यार्थियों के साइंस और मैथ्स को मजबूत करते हुए उन्हें नीट और जेईई की तैयारी कराएंगे. मेधावी स्टूडेंट्स ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास ले सकेंगे.
ऐसे होगा चयन : विद्यार्थियों के सिलेक्शन के लिए शिक्षा विभाग संस्थानों के साथ मिलकर एग्जाम कंडक्ट कराएगी. परीक्षा में तार्किक क्षमता, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित और रसायन विज्ञान विषय से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे. परीक्षा अलग-अलग खंडों में होगी. हर खंड के लिए 30 मिनट का समय रहेगा. इसमें 25 वस्तुनिष्ठ सवालों के जवाब देने होंगे. एक सवाल का सही जवाब देने पर तीन अंक मिलेंगे. इसके अलावा गलत उत्तर देने पर हर प्रश्न पर एक अंक काटा जाएगा. दिव्यांग वर्ग के लिए कोई कटऑफ नहीं रखा गया है. वहीं, सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 85 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 70 फीसदी और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 60 प्रतिशत अंक होना आवश्यक होगा.