जयपुर.खास बात ये है कि इस बार शहर भर में इको फ्रेंडली लोहड़ी मनाई जाएगी (Lohri Celebration in Jaipur). पारम्परिक तरीके से लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होगा बल्कि गोकाष्ठ का उपयोग किया जाएगा. इस नई सोच के साथ ही 400 पेड़ बचाने का संकल्प लिया गया है. पर्व की पूर्व संध्या पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट के माध्यम से लोगों को लोहड़ी की शुभकामनाएं दी हैं. उनकी सुख समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना की है.
आज यानी 13 जनवरी को शहर में लोहड़ी के त्योहार का उल्लास नजर आएगा. पंजाबी समाज की ओर से घर-घर लोहड़ी की अग्नि प्रज्ज्वलित की जाएगी। लोहड़ी को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने लोहड़ी को जीवन में उल्लास, उमंग और आशा का संचार करने वाला बताते हुए कहा कि नई ऊर्जा का प्रवाह करने वाले इस पर्व पर सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए.
बिका 3000 किलो गोकाष्ठ-राजधानी जयपुर में मुख्य आयोजन राजापार्क में होगा, जहां समाज के लोग सामूहिक रूप से लोहड़ी की अग्नि प्रज्ज्वलित करेंगे. हालांकि पर्यावरण संरक्षण और वातावरण शुद्धि के लिए पंजाबी समाजसे अपील कि गई है कि इस बार लोहड़ी पर लकड़ी बिल्कुल न जलाएं. यही वजह है कि इस बार शहर भर में लोहड़ी में गोकाष्ठ का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए करीब तीन हजार किलो गोकाष्ठ बिकी है.
जयपुर के पंजाबी- शहर में पंजाबी समाज के करीब 4 लाख लोग निवास कर रहे हैं. समाज के करीब सवा लाख परिवार है, जहां घर-घर शगुन के बतौर लोहड़ी की अग्नि प्रज्ज्वलित की जाती है. घरों में 20 से 30 किलो लकड़ी काम में ली जाती है, जबकि सामूहिक रूप से लोहड़ी जलाने पर 5 से 6 क्वींटल तक लकड़ी काम में ली जाती है. राजस्थान प्रदेश पंजाबी महासभा की ओर से समाजबंधुओं को आर्य समाज राजापार्क से गोकाष्ठ उपलब्ध करवाई जा रही है. 5 से 20 किलो तक के गोकाष्ठ के पैकेट तैयार किए गए है. छोटा पैकेट 50 रुपए और बड़ा पैकेट 200 रुपए में दिया जा रहा है.