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जयपुर में प्रदूषण रहित वाहन चलाना हुआ मुश्किल, विभाग चला रहा है जांच अभियान

21वीं सदी के अंतर्गत वायु प्रदूषण एक सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है. इसका मुख्य कारण वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या और खराब वाहनों का चलना भी है. जयपुर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. वाहनों से निकलने वाले धुएं से लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. ऐसे में अब परिवहन विभाग के द्वारा प्रदेश भर में प्रदूषण वाहनों के खिलाफ जांच अभियान की शुरुआत की गई है. यह अभियान 15 दिसंबर तक परिवहन विभाग की ओर से चलाया जाएगा.

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जयपुर में प्रदूषण रहित वाहन चलाना हुआ मुश्किल, विभाग चला रहा है चांच अभियान

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Published : Dec 3, 2020, 11:08 AM IST

जयपुर. 21वीं सदी के अंतर्गत वायु प्रदूषण एक सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है. इसका मुख्य कारण वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या और खराब वाहनों का भी है. जयपुर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. वाहनों से निकलने वाले धुएं से लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. ऐसे में अब परिवहन विभाग के द्वारा प्रदेश भर में प्रदूषण वाहनों के खिलाफ जांच अभियान की शुरुआत की गई है. यह अभियान 15 दिसंबर तक परिवहन विभाग की ओर से चलाया जाएगा.

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परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के संचालित वाहनों पर परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर के द्वारा कार्रवाई भी की जाएगी. इसके अंतर्गत विजिबल पोल्यूटिंग वाहनों बिना ढके निर्माण सामग्री और मलबा कचरा परिवहन करने वाले वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग के द्वारा अब कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही प्रदूषण जांच केंद्र का निरीक्षण भी परिवहन विभाग की टीम के द्वारा किया जाएगा.

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आयुक्त ने बताया कि वाहनों की प्रदूषण जांच में अनियमितता करने वाले केंद्रों पर भी अब परिवहन विभाग के इंस्पेक्टरों के द्वारा कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए प्रदेश के सभी प्रादेशिक परिवहन अधिकारी और जिला परिवहन अधिकारियों को भी आदेश जारी कर के दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. ऐसे में अब प्रदेश के अंतर्गत ऐसे वाहन जो प्रदूषण कही हद तक ज्यादा फैल रहा है. उन पर कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं दूसरी और 15 साल के पुराने डीजल वाहनों को भी परिवहन विभाग की ओर से बंद करने की तैयारी की जा रही है. इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण यह भी है, कि इन वाहनों से भी प्रदेश के अंतर्गत प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता है. तो विभाग के द्वारा ऐसे भारी वाहन जो 15 साल से पुराने हो चुके हैं. उन्हें भी बंद करने की तैयारी विभाग की ओर से की जा रही है.

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