जयपुर. आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के रविवार के परबतसर विधानसभा में जाकर भाजपा नेताओं के साथ मंच साझा करने पर कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया ने नाराजगी जताई है. इसके साथ ही कई दिनों से शांत चल रही राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में इस बयानबाजी के बाद एक बार फिर तकरार शुरु (Discord in Congress part) हो गई है. ऐसे में गोविंद सिंह डोटासरा ने राठौड़ और गावड़िया को (Dotasara warning to Dharmendra Rathod and Gavadia) चेतावनी दी है.
सचिन पायलट समर्थक विधायक रामनिवास गावड़िया ने धर्मेंद्र राठौड़ को जूते चप्पल उठाकर आरटीडीसी चेयरमैन बनने का आरोप लगाया है. वहीं आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर ने साल 2020 में हुई राजनीतिक उठापटक में रामनिवास गावड़िया के सरकार गिराने के षड्यंत्र में शामिल होने वाला विधायक बताया. दोनों कांग्रेस के नेताओं की ओर से एक दूसरे पर की जा रही बयानबाजी पर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दोनों ही नेताओं को चेतावनी दी है.
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डोटासरा ने दोनों नेताओं को न केवल चेतावनी दी बल्कि यहां तक कह दिया की कांग्रेस के हर नेता को मर्यादा में रहकर काम करना चाहिए और किसी को अधिकार नहीं है कि वह पार्टी को कमजोर करे. डोटासरा ने दोनों नेताओं को याद दिलाया की एआईसीसी के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल की ओर से कांग्रेस नेताओं को एडवाइजरी जारी हुई है और इसके बावजूद जो भी नेता बयानबाजी कर रहा है वह उनके संज्ञान में है. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को मर्यादा में रहकर वही काम करने चाहिए जो कांग्रेस की रीति नीति और उसके संस्कार रहे हैं. डोटासरा ने कहा कि जो नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं उस पर कांग्रेस आलाकमान की नजर है.
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महेश जोशी ने कहा- मैं गाइडलाइन में बंधा
धर्मेंद्र राठौड़ और पायलट कैम्प के विधायक रामनिवास गावड़िया के बीच हुई (Mahesh Joshi on Rathod and Gavadia dispute) बयानबाजी पर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कोई भी प्रतिक्रिया यह कहते हुए देने से इनकार कर दिया कि वह कांग्रेस आलाकमान की ओर से जारी गाइडलाइन में बंधे हैं और किसी भी हाल में उसे नहीं तोड़ेंगे. राजस्थान में 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक नहीं होने और विधायकों के स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफे दिए जाने के बाद पायलट और गहलोत कैंप के विधायकों ने एक दूसरे पर जमकर बयानबाजी की थी. इसके चलते कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान कांग्रेस के सभी नेताओं को यह सर्कुलर जारी किया था कि कोई भी नेता एक दूसरे पर राजनीतिक छींटाकशी न करें.