जयपुर. प्रदेश में खुशियों का महापर्व दीपावली और लोकतंत्र का महापर्व चुनाव दोनों सिर पर हैं. ऐसे में बाजार में रौनक भी बढ़ी है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले ये रौनक कम आंकी जा रही है. विश्लेषक बताते हैं कि इसकी एक बड़ी वजह चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई 50 हजार राशि के खर्च की लिमिटेशन है. पिछले साल के मुकाबले इस बार बाजार में कम कारोबार रहने की संभावना है. हालात ये है कि साल 2022 में राजधानी जयपुर में जहां कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक और बर्तन का संयुक्त कारोबार 900 करोड़ का था, वहीं इस बार केवल 720 करोड़ कारोबार की संभावना जताई जा रही है.
दीपावली की खरीदारी को लेकर लोगों में खासा उत्साह बना रहता है. हो भी क्यों ना हो, साल में एक बार ही तो आता है दीपोत्सव और चेहरे पर लाता है मुस्कान. भारत के इस सबसे बड़े त्योहार पर बाजार चहक उठते हैं. चहूं और रोशनी से गलियां सज जाती है. बाजारों में भी हुजूम उमड़ता है. दीपावली की साफ-सफाई में पुराना और अनावश्यक सामान को घर से बाहर निकाला जाता है और फिर घर में प्रवेश करते हैं नए सामान. यही वजह है कि वर्षों से घरों में रंग-रोगन, पर्व पर पहनने के लिए नए कपड़े और नए बर्तन लाने की एक परंपरा सी चली आ रही है. लोगों में दीपावली ही नहीं आगामी दिनों में शादियों के सीजन को लेकर भी शॉपिंग को लेकर जबरदस्त क्रेज है.
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ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ झुक रहे कस्टमर : हालांकि, व्यापारी पिछले साल की तुलना में अब तक के कारोबार से संतुष्ट नहीं है. जयपुर के इलेक्ट्रॉनिक बाजार जयंती मार्केट के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने बताते हैं कि बाजार में दीपावली की रौनक कम दिख रही है. इसकी एक बड़ी वजह इलेक्शन कमिशन की ओर से तय की गई 50 हजार की लिमिट भी है. ऐसे में ग्राहक बाजार तक नहीं पहुंच रहें, जबकि नवरात्रि और दीपावली पर इलेक्ट्रॉनिक्स का साल का 40 फीसदी मार्केट रहता है, लेकिन अभी तक प्रॉपर मार्केट फिट नहीं हुआ है. वहीं ऑनलाइन शॉपिंग ने भी मार्केट को तोड़ने का काम किया है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 30 से 40 फीसदी डिस्काउंट मिलने से कस्टमर वहां शिफ्ट हो जाता है, लेकिन वहां चीटिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए ग्राहक बाजार का रूख तो करते हैं लेकिन परचेसिंग माइंडसेट क्रिएट नहीं कर पाते. उन्होंने बताया कि 2022 में इलेक्ट्रॉनिक्स का व्यापार करीब 400 करोड़ था, जिसमें इस बार करीब 35 फीसदी की गिरावट है.