जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रदेश के 70 साल की ऐतिहासिक राजनीतिक यात्रा और संस्कृति से रूबरू कराने वाले डिजिटल म्यूजियम का हाल ही में लोकार्पण किया गया है. संग्रहालय में अब तक रहे प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों के सिलिकॉन से बने स्टैच्यू लगाए गए हैं (Silicon Statue In Rajasthan Assembly). म्यूजियम की मूर्तियां शुरुआत से ही विवाद का विषय बनी रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बाद अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पौत्री और ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने भी इस सिलसिले में सवाल खड़े किए हैं. दिव्या मदेरणा ने ट्वीट के जरिए विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी तक अपना पैगाम पहुंचाया है (Divya Maderna targets CP Joshi).
दिव्या का ट्वीट: शुक्रवार देर रात दिव्या मदेरणा ने विधानसभा के डिजिटल म्यूजियम में लगी कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की मूर्ति की तस्वीर को साझा किया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी को टैग करते हुए दिव्या लिखा कि स्वर्गीय परसराम मदेरणा जी से प्रतिमा सूक्ष्म रुप से भी मिलती-जुलती नहीं है. मैं इस बारे में सीपी जोशी जी को लिखूंगी और उन से अनुरोध करूंगी की प्रतिमा को तुरंत बदल दिया जा. उन्होंने यह भी लिखा कि मुझे इस बात का ध्यान है कि मूर्तिकला में हम किसी तस्वीर के प्रारूप तक पूर्ण रूप से नहीं पहुंच सकते हैं, परंतु परसराम जी की इस मूर्ति में बिल्कुल भी समानता नहीं है.
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वसुंधरा राजे ने भी उठाए थे सवाल:राजस्थान विधानसभा में पॉलिटिकल नरेटिव्स से जुड़े म्यूजियम में मूर्तियों के प्रारूप पर सवाल खड़े करने वालों में अकेली दिव्या मदेरणा नहीं है. उनसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी मूर्तियों के स्वरूप पर सवाल खड़े किए थे. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जब म्यूजियम का काम चल रहा था, तब पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने विधानसभा के अधिकारियों के साथ इस संग्रहालय का दौरा किया था. जहां पूर्व मुख्यमंत्रियों के आदमकद स्टेचू लगाए गए थे.
वसुंधरा ने मूर्ति को देख पूछा था एक सवाल सिलिकॉन से बने स्टेचू को लेकर वसुंधरा राजे ने तब मौजूदा अधिकारियों से पूछा था कि क्या यह मूर्ति मेरी जैसी नहीं लगती है? इस पर अधिकारी असहमति जताते हुए एक दूसरे की बगले झांकने लगे थे. दरअसल बेसमेंट में बने डिजिटल म्यूजियम में राजे की नजर पड़ी थी, जिस पर वसुंधरा राजे का नाम अंकित था. इसके बाद राजे ने अधिकारियों से पूछा, यह मेरी प्रतिमा है क्या ?, तो अधिकारियों ने हां... में जवाब दिया. लेकिन जब पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा क्या यह प्रतिमा मेरी जैसी दिखाई दे रही है, तो अधिकारी भी लाजवाब हो गए. वसुंधरा राजे की आपत्ति के बाद विधानसभा में उनकी मूर्ति को बदलने का फैसला लिया गया था, जिसे कुछ ही दिनों में बदल दिया जाएगा.
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डिजिटल लाइब्रेरी खास: राजस्थान विधानसभा परिसर में बने राजनैतिक आख्यान संग्रहालय के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था के बारे में युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाएगी. यहां 14 नवंबर से 1 महीने के लिए बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा. स्मार्ट सिटी लिमिटेड (जेएससीएल) के बनाए इस संग्रहालय का 16 जुलाई 2022 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन.वी.रमणा ने उद्घाटन किया था. 26 हजार स्क्वॉयर फीट में बने इस विशाल संग्रहालय में अत्याधुनिक तकनीकी से राजस्थान की गौरवमयी गाथा और राजनैतिक आख्यानों को प्रस्तुत किया गया है.
संग्रहालय में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, निर्वाचन क्षेत्र और विधायक गणों के बारे में जानकारी भी प्रदर्शित की गई हैं. मंत्रिमंडल, विपक्ष के नेता और अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका को प्रदर्शित करता यह संग्रहालय पूरे देश में अनूठा उदाहरण है. इस डिजिटल म्यूजियम में आगंतुक अत्याधुनिक तकनीकी से लोकतंत्र, विधानसभा के कार्य और प्रशासन प्रणाली और सामान्य नागरिक से जनता के सर्वाेच्च प्रतिनिधि तक की यात्रा का सफर देख सकते हैं. चालीस से अधिक इंस्टॉलेशन और विभिन्न टेक्नोलॉजी से सुसज्जित यह डिजिटल म्यूजियम नई पीढ़ी को अहम जानकारियां देगा. टॉक विद द स्पीकर स्टूडियो में सवाल किए जा सकते हैं. म्यूजियम की विषय वस्तु हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में है. टच स्क्रीन के माध्यम से भाषा का चयन किया जा सकता है.