जयपुर.राजस्थान में कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनावों में सभी सीटे हारने के बाद एक और आत्मनिरीक्षण में जूटी हुई है. वहीं दूसरी ओर इन चुनावों में हारे नेताओं की अपनी पार्टी के नेताओं के प्रति टीस भी सामने आ रही है. वहीं सोनिया गांधी के हाथ में कांग्रेस की कमान फिर से आ गई है तो नेताओं ने फिर से संगठन में बदलाव की मांग की है. कांग्रेस के पिपल्दा विधायक ओर कोटा सांसद का चुनाव लड़े मनारायण मीणा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस संगठन को मजबूत किया जाना चाहिए.
जिलाध्यक्ष नेताओं से कर रहे सौदेबाजी उन्होनें अपने लोकसभा क्षेत्र की एक जिलाध्यक्ष का नाम लिए बगैर हमला करते हुए कहा कि किसी संगठन का चाहे प्रदेशअध्यक्ष हो या जिले का हो या ब्लॉक का अध्यक्ष जो भी भाजपा के नेताओं से अलग से बात करता है. सौदा करने का प्रयास कर रहा हो, ऐसे संगठन के नेताओं को पद से हटाना चाहिए.
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इसके आगे बोलते हुए उन्होनें कहा कि राजस्थान के जो जिलाध्यक्ष बंद कमरों में भाजपा के बढ़े नेताओं से मुलाकात करके सौदेबाजी कर रहें है. ऐसे जिलाध्यक्षों को तुरन्त हटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग धोखेबाज हैं. दूसरी पार्टी से आए है, उनके ऊपर पार्टी को आधारित नहीं रहना चाहिए. दरअसल, लोकसभा चुनाव में हार के बाद सांसद प्रत्याशियों ने अपनी हार के कारण बड़े नेताओं को सौप दिए हैं. लेकिन अब भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर ये नेता नाराज हैं. हाल ही में कोटा जिलाध्यक्ष ने लोकसभा स्पीकर बने ओम बिरला से मुलाकात की थी. बिरला ने ही रामनाराण मीणा को लोकसभा चुनावों में हराया था.ऐसे में रामनारायण मीणा ने जिलाध्यक्ष को हटाने की मांग की है.