जयपुर.जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर तृतीय ने 1997 की पृथ्वीराज नगर योजना की लॉटरी में सफल आवंटी को 1999 में राशि जमा कराने के 24 साल बाद भी भूखंड का कब्जा नहीं देने को सेवा दोष करार दिया है. आयोग ने जेडीए पर 2.21 लाख रुपए हर्जाना लगाया है. आयोग ने जेडीए को निर्देश दिया है कि वह परिवादी को अन्य विकसित कॉलोनी, जिसमें विकल्प के तौर पर सीकर रोड की आनंद लोक कॉलोनी में भूखंड आवंटित करे. वहीं परिवादी की जमा राशि 86,375 रुपए पर भूखंड का भौतिक कब्जा मिलने तक 12 फीसदी ब्याज राशि भी दे. आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोहन माथुर व सदस्य सीमा शर्मा ने यह आदेश सविता लाटा के परिवाद पर दिए.
आयोग ने कहा कि जेडीए अपना दायित्व पूरा करने में असफल रहा है और उसने कई सालों तक परिवादी की जमा राशि को रोकने के बावजूद उसे भूखंड आवंटित कर उसका कब्जा नहीं दिया. परिवाद में कहा गया की परिवादी ने 1997 में जेडीए की पीआरएन योजना में भूखंड आवंटन के लिए 5,000 रुपए जमा कराए थे. इसकी 5 अप्रैल 1999 को निकाली प्रथम फेज की लॉटरी में वह सफल रही, लेकिन पीआरएन में विवाद के चलते उसे जेडीए ने भूखंड आवंटन नहीं किया, हालांकि बाद में 15 मई 2006 को आगरा रोड पर कल्पना नगर में उसे सी-142 भूखंड आवंटित किया.