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आरक्षित सीट अन्य यात्री को आवंटित करने पर रेलवे पर लगाया हर्जाना - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम ने आरक्षित सीट को (imposed damages on railway ) अन्य यात्री को आवंटित करने को रेलवे का सेवा दोष माना है. साथ ही हर्जाना भी लगाया है.

imposed damages on railway,  allotting reserved seat to other passenger
रेलवे पर लगाया हर्जाना.

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Published : Jul 13, 2023, 9:03 PM IST

जयपुर.जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम ने आरक्षित सीट को अन्य यात्री को आवंटित करने को रेलवे का सेवा दोष माना है. इसके साथ ही आयोग ने उत्तर पश्चिम रेलवे को आदेश दिए हैं कि वह परिवादी से टिकट के लिए वसूली गई 285 रुपए की राशि नौ फीसदी ब्याज सहित वापस लौटाए. साथ ही आयोग ने परिवादी को हुई परेशानी व मानसिक वेदना को देखते हुए रेलवे पर 12 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है. आयोग ने कहा कि हर्जाना राशि और टिकट राशि का भुगतान परिवादी को डेढ़ माह में कर दिया जाए. आयोग अध्यक्ष सूबे सिंह और सदस्य नीलम शर्मा ने यह आदेश राकेश कुमार कुमावत के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि उसने 12 अप्रैल 2019 को रामदेवरा से जयपुर आने के लिए गांधी नगर रेलवे स्टेशन से रुणिचा एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर श्रेणी के तीन टिकट बुक कराए थे. रेलवे की ओर से जारी आरक्षण चार्ट में परिवादी को एस-1 कोच में सीट नंबर 44, 49 और 65 आवंटित की गई. यात्रा के दौरान टिकट निरीक्षक ने उसके टिकट की जांच कर उस पर भी सीट नंबर लिख दिए. परिवादी खाना खाने के बाद जब अपनी सीट नंबर 44 पर गया तो वहां किसी अन्य व्यक्ति को सोता हुआ पाया. जब परिवादी ने उससे सीट खाली करने को कहा तो उसने टिकट निरीक्षक की ओर से सीट आवंटित करना बताकर सीट खाली करने से इनकार कर दिया.

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इस दौरान जोधपुर आने पर परिवादी ने टिकट निरीक्षक से संपर्क कर आवंटित सीट दिलाने की प्रार्थना की, लेकिन निरीक्षक ने सीट उपलब्ध कराने में असमर्थता जता दी. निरीक्षक ने परिवादी को बताया कि यह सीट आरएसी श्रेणी के अन्य यात्री को आवंटित कर दी गई है, जबकि यात्री के अपनी सीट पर आने के बाद उस सीट को किसी अन्य को आवंटित नहीं किया जा सकता. इसलिए उसे रेलवे से हर्जाना दिलाया जाए. इसके जवाब में रेलवे की ओर से कहा गया कि टिकट निरीक्षक ने रामदेवरा प्लेटफार्म पर चार्ट देखकर परिवादी को तीन सीट आरक्षित होना बताया था. वहीं ट्रेन चलने के करीब चार घंटे तक सीट नंबर 44 का यात्री परिवादी सीट पर नहीं आया तो नियमानुसार यात्री को एनटी करते हुए ईडीआर भरकर आरएसी के वरीयता धारक को यह सीट आवंटित कर दी गई थी. इसलिए परिवाद को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों को सुनकर आयोग ने रेलवे पर हर्जाना लगाते हुए वसूली गई राशि लौटाने को कहा है.

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