Discom Distress: सरकारी भार ने तोड़ी 'डिस्कॉम' की कमर, विभागों पर 2132 करोड़ बकाया...मंत्री बोले CM के समक्ष रखेंगे बात - pending amount on different department
घाटे से जूझ रहे डिस्कॉम (Discom Distress) की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का काम सरकारी विभागों ने किया है. आम उपभोक्ताओं (Consumer) को जहां बकाया बिजली बिल न चुकाने पर भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है तो वहीं सरकारी विभागों की बड़ी सी बकाया राशि पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. प्रदेश के कई सरकारी महकमों पर 2132 करोड़ रुपए से अधिक का बिल बकाया है पर जिम्मेदार खामोश बैठे हैं.
मंत्री बोले CM के समक्ष रखेंगे बात
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Published : Nov 25, 2021, 10:48 AM IST
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Updated : Nov 25, 2021, 12:05 PM IST
जयपुर:डिस्कॉम के घाटे से निजात आखिर मिले तो मिले कैसे? ये सवाल जब नए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी से किया गया तो उन्होंने CM के सामने मुद्दा उठाने की बात कही. उन्होंने इस मामले को संबंधित विभागों के मंत्रियों के सामने भी रखने का भरोसा दिलाया है.
दरअसल, प्रदेश में बिजली कंपनियों पर करीब 90 हजार करोड़ का घाटा (Discom Distress) है इसमें सरकारी भार इतना बढ़ गया है जिसके कारण डिस्कॉम की कमर ही टूटने की कगार पर है. घाटा इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि समय पर सरकारी सब्सिडी (Subsidy) का भुगतान डिस्कॉम (Discom) को नहीं होता.
मंत्री बोले CM के समक्ष रखेंगे बात
वहीं, जिन उपभोक्ताओं को सब्सिडी की घोषणा की गई है उन्हें अनुदानित दरों पर ही बिजली दी जा रही है. मतलब सरकार के वादे को पूरा करने के लिए डिस्कॉम (Discom Distress) सब्सिडी के साथ बिजली तो दे रही है लेकिन उस सब्सिडी का भार वहन करने के लिए लगातार लोन भी ले रही है. ऋण पर लगने वाला ब्याज जितना हो रहा है उसे चुकाने के लिए फिर ऋण लेना पड़ता है.
सरकारी विभागों पर बकाया राशि
जिला
विभागों पर बकाया राशि
जयपुर डिस्कॉम
1083.06 करोड़ रुपये
अजमेर डिस्कॉम
314.64 करोड़ रुपये
जोधपुर डिस्कॉम
734.68 करोड़ रुपये
यानी प्रदेश में तीनों discom को सब्सिडी की राशि के रूप में करीब 17500 करोड़ रुपए का भुगतान सरकार से लेना है.
जिन सरकारी विभागों से बकाया बिजली के बिल का भुगतान लेना है उनमें सर्वाधिक बकाया स्वायत्त शासन विभाग और जलदाय विभाग पर है. दोनों ही डिपार्टमेंट सीधे तौर पर जनता से जुड़े हैं. ऐसे में discom चाह कर भी इनके बिजली के कनेक्शन नहीं काट सकता. वहीं अन्य विभागों पर भी बिल बकाया है. वसूली के लिए डिस्कॉम के स्तर पर केवल पत्राचार ही किया जा रहा है.
'मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे बात'
नए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी जनसेवा का हवाला देते हैं. कहते हैं आज तक डिस्कॉम ने उनका कनेक्शन नहीं काटा क्योंकि सभी सरकारी विभाग किसी ना किसी जनसेवा (Social Welfare) से जुड़े हैं. साथ में इतना जरूर कहते हैं कि डिस्कॉम को घाटे (Discom Distress) से उबारने भी हमारी जिम्मेदारी है. भरोसा दिलाते हैं कि संबंधित विभागों के मंत्रीगणों से भी चर्चा करेंगे और आगामी दिनों में मुख्यमंत्री के समक्ष भी मुद्दा प्रमुखता से उठायेंगे. अंत में ये भी कहते हैं कि हमारा प्रयास डिस्कॉम के घाटे को कम करना रहेगा और इसके लिए हम हर उपाय करेंगे.