जयपुर.चुनावी राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान की 26 मई को होने वाली कांग्रेस की बैठक स्थगित कर दी गई है. भले ही इसके पीछे कारण कांग्रेस की ओर से कर्नाटक में मंत्रिमंडल को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात और मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने को बताया जा रहा हो, लेकिन यह कारण किसी के गले नहीं उतर रहे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ होने वाली चारों राज्यों के नेताओं के साथ इस बैठक का भले ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की राजनीति पर कोई खास असर नहीं पड़े. मगर राजस्थान में चल रही गहलोत और पायलट के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदिता और इस बैठक से दोनों के बीच सुलह के प्रयासों की उम्मीद को बड़ा झटका लगा है. वैसे भी दिल्ली में होने जा रही 4 राज्यों की बैठक का अगर बेसब्री से कांग्रेस का कार्यकर्ता इंतजार कर रहा था कि पार्टी में आगामी चुनाव में किसकी भूमिका क्या रहेगी? वहीं, राजस्थान में यह माना जा रहा है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चल रही राजनीतिक रस्साकशी ही इस बैठक के स्थगित होने का प्रमुख कारण है.
पायलट दुविधा में क्या करे, अल्टीमेटम खत्म होने में बचे केवल 4 दिन : 26 मई को दिल्ली में होने वाली बैठक से अगर सबसे ज्यादा फायदा किसी नेता को होने की उम्मीद थी, तो वह थे सचिन पायलट क्योंकि सचिन पायलट राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ अपनी तीन मांगों को लेकर 15 दिन का अल्टीमेटम दे चुके हैं, जो 31 मई को पूरा होने जा रहा है. पहले तो सचिन पायलट के इस बैठक में शामिल होने पर ही संशय था. लेकिन जब रंधावा ने यह कहा कि सचिन पायलट भी इस बैठक में शामिल होंगे तो साफ है कि जब कांग्रेस आलाकमान के सामने दोनों नेता बैठते. भले ही बैठक में बात चुनावी रणनीति की होती, लेकिन सबसे मुद्दा सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सुलह के फार्मूले की बात का भी होता.