जयपुर.छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर छात्र नेता अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की शव यात्रा निकालकर कुलपति आवास के बाहर दाह संस्कार किया. इनमें से दो छात्र पुलिस को चकमा देकर कुलपति आवास के अंदर जा घुसे, जिन्हें बलपूर्वक बाहर निकाला गया. वहीं, एक अन्य छात्र नेता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खून से पत्र लिखकर छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की तो कुछ छात्र प्रदर्शन के दौरान राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर के विज्ञान भवन, सेंट्रल लाइब्रेरी और एडम ब्लॉक की इमारत पर चढ़ गए. इससे पहले एक छात्र नेता पेट्रोल से भरी बोतल लेकर कुलपति सचिवालय में भी दाखिल हो गया था.
पहले निकाली शव यात्रा फिर किया दाह संस्कार - इस साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे ठीक पहले अगस्त में होने वाले छात्र संघ चुनाव पर सरकार ने रोक लगा दी है, जिसके बाद से ही छात्र नेता राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं. छात्र नेताओं की मानें तो मुख्यमंत्री खुद छात्र राजनीति से आगे बढ़कर आज मुख्यमंत्री बने हैं. बावजूद इसके राजनीति की पहली सीढ़ी तोड़ने में लगे हुए हैं. ऐसे में छात्रों का विरोध अब तेज होता जा रहा है. रविवार से भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं में से आधे से ज्यादा अस्पताल पहुंच चुके हैं तो बचे हुए छात्र नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की शव यात्रा निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया.
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सीएम ने नहीं दिया संवेदनशीलता का परिचय -छात्रों ने कहा कि प्रदेश का छात्र आक्रोशित है और वो भूख हड़ताल कर रहे हैं. यहां तक कि पानी की टंकी पर चढ़कर अपने विरोध को जाहिर कर रहे हैं. कई छात्रों की तबीयत बिगड़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. इसलिए उन्हें दर्शाना चाहते हैं कि जब वो छात्रों की सुध नहीं ले रहे हैं तो छात्रों के लिए वो भी मरे के समान हैं. उन्होंने कहा कि छात्र कब तक गांधीवादी तरीके से अपनी डिमांड रखेगा. ऐसे में अब वो धीरे-धीरे भगत सिंह की भूमिका में आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता का परिचय नहीं दिया और उच्च शिक्षा मंत्री को यह तक नहीं पता कि छात्रों की डिमांड क्या है. आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति लापता हो गए हैं.