जयपुर. राजस्थान पुलिस की ओर से आयोजित दो दिवसीय साइबर हैकाथॉन 1.0 का गुरुवार को समापन हो गया. 'साइबर सुरक्षा हैकाथॉन' के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि कम्प्यूटर जनित अपराध रोके जाने के लिए पुलिस कोई ऐसा वैज्ञानिक तंत्र विकसित करे, जिससे साइबर अपराधों की प्रभावी रोकथाम हो सके. उन्होंने साइबर अपराध रोके जाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सकारात्मक इस्तेमाल पर जोर दिया. राज्यपाल ने कहा कि साइबर अपराध विश्वभर में आज तेजी से बढ़ रहा है. वित्तीय और व्यक्ति की निजी गरिमा के हनन से जुड़े डीप फेक अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए भी व्यवस्थित रूप से कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने पुलिस की ओर से साइबर अपराध होने पर तुरंत प्रभावी पुलिस तंत्र विकसित किए जाने का भी आह्वान किया.
वहीं, राज्यपाल ने ओटीपी लेकर बैंक से पैसे हड़पने, नेट बैंकिंग पर सेंध लगाकर खाते से राशि निकालने और ऐसे ही भ्रमित करने वाले वित्तीय धोखाधड़ी और निजता हनन करने से जुड़े अपराधों की चर्चा करते हुए इस संबंध में शोध, अनुसंधान और कंप्यूटर आंकड़ों के विश्लेषण की शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही. इस अवसर पर सूचना व संचार प्रौद्योगिकी मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि साइबर अटैक अच्छे और बुरे के बीच युद्ध है. एआई के लिए युवाओं की प्रतिभा को अवसर प्रदान करने और पुलिस को मजबूत सक्षम करने के लिए अधिक प्रयास किए जाएं. राजस्थान पुलिस की ओर से साइबर अपराध जांच और भविष्य की कार्य योजना वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप करने की जरूरत है.
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साइबर चुनौतियों और समाधान पर रखे विचार :डीजी साइबर क्राइम रविप्रकाश मेहरडा के मुताबिक गुरुवार को हुए 10 सेशन में 18 विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें और साइबर क्राइम की जटिलताओं, चुनौतियों, भविष्य में होने वाले खतरों पर प्रकाश डालते हुए आवश्यक सुझाव दिए. पहला सत्र एक सफल स्टार्टअप के निर्माण में तकनीक का महत्व को डेटा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के सह संस्थापक अजय डेटा ने संबोधित करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि रणनीतिक रूप से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर स्टार्टअप को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है.
स्टार्टअप में ऊष्मायन और त्वरण विषय पर दूसरे सत्र में जीसीईसी ग्लोबल फाउंडेशन और ब्रेविटी के संस्थापक और एसोचैम स्टार्टअप काउंसलिंग राजस्थान के अध्यक्ष परेश गुप्ता, स्टार्टअप चौपाल के संस्थापक और सीईओ सुमित श्रीवास्तव, पर्यावरण सेवा उद्योग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव शर्मा, अटल इनक्यूबेशन सेंटर वनस्थली विद्यापीठ की सहायक उपाध्यक्ष डॉ. लतिका धुरिया और इनोवेर की निदेशक श्वेता चौधरी चर्चा करते हुए स्टार्टअप विकास को बढ़ावा देने और तेजी से ट्रैक करने की प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला.