जयपुर.साइबर ठगी गिरोह से जुड़े तीन बदमाशों को पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने पकड़ा तो नकदी और 36 एटीएम कार्ड उनके कब्जे से बरामद हुए. इतनी बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड इन तीन बदमाशों के पास देखकर पुलिस खुद हैरान रह गई. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह के बदमाश पूरी प्लानिंग के साथ यह नेटवर्क चलाते हैं. इनमें अलग-अलग बदमाशों को अलग-अलग टास्क दिया जाता है.
राजस्थान में ऐसे चलती है साइबर गैंग- भरतपुर में बैठे बदमाश लोगों को निशाना बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. उनके खातों से नकदी उन खातों में ट्रांसफर करते हैं, जिनके एटीएम उनके पास मौजूद हैं. इस राशि को निकलवाने वाले बदमाश अलग होते हैं. खास बात यह है कि इस गिरोह से जुड़े कुछ बदमाशों का काम एटीएम कार्ड इकठ्ठा करने का होता है. पुलिस को शक है कि हो सकता है कोई बैंककर्मी इस गिरोह के बदमाशों की मदद कर रहा है. इस दिशा में भी पुलिस गंभीरता से पूछताछ कर रही है. बता दें कि क्राइम ब्रांच की टीम ने जवाहर सर्किल थाने की टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए भरतपुर जिले के भौरे का नगला निवासी अमर सिंह, भूरखां निवासी महेंद्र सिंह और आरसी निवासी रामलखन को गिरफ्तार कर 11.73 लाख रुपए, 36 एटीएम कार्ड और तीन बैंक पासबुक जब्त की थी. ये हर महीने एक करोड़ से भी ज्यादा रुपए अलग-अलग खातों से एटीएम से निकलवाते थे.
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फर्जी दस्तावेजों से खुलवाते नए खाते -पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि इस गिरोह से जुड़े कुछ बदमाशों का काम एटीएम इकठ्ठा करना ही होता है. वे लोगों को झांसे में लेकर उनके एटीएम कार्ड बदल लेते हैं. ये बदमाश एटीएम कार्ड चोरी की वारदात को भी अंजाम देते हैं. इसके साथ ही लोगों के दस्तावेज जुटाकर उनसे बैंकों में खाते खुलवाते हैं. उन खातों के नए एटीएम कार्ड जारी करवाकर ये अपने पास रख लेते हैं. ठगी की रकम इन बैंक खातों में ट्रांसफर करने के बाद एटीएम से रुपए निकलवा लेते हैं.