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Cyber Fraud in Rajasthan: हर महीने एटीएम से एक करोड़ से ज्यादा निकलवाते थे बदमाश

राजस्थान में साइबर ठग कैसे दूसरों के बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए करते थे, इसकी डिटेल और एटीएम कार्ड उन्हें कैसे मिलते थे. इसे लेकर पुलिस को शक है कि कोई बैंक कर्मचारी भी साइबर ठगों से जुड़ा हुआ है.

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Published : Apr 7, 2023, 1:55 PM IST

Cyber Fraud in Rajasthan
जयपुर में साइबर ठगी गिरोह

जयपुर.साइबर ठगी गिरोह से जुड़े तीन बदमाशों को पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने पकड़ा तो नकदी और 36 एटीएम कार्ड उनके कब्जे से बरामद हुए. इतनी बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड इन तीन बदमाशों के पास देखकर पुलिस खुद हैरान रह गई. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह के बदमाश पूरी प्लानिंग के साथ यह नेटवर्क चलाते हैं. इनमें अलग-अलग बदमाशों को अलग-अलग टास्क दिया जाता है.

राजस्थान में ऐसे चलती है साइबर गैंग- भरतपुर में बैठे बदमाश लोगों को निशाना बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. उनके खातों से नकदी उन खातों में ट्रांसफर करते हैं, जिनके एटीएम उनके पास मौजूद हैं. इस राशि को निकलवाने वाले बदमाश अलग होते हैं. खास बात यह है कि इस गिरोह से जुड़े कुछ बदमाशों का काम एटीएम कार्ड इकठ्ठा करने का होता है. पुलिस को शक है कि हो सकता है कोई बैंककर्मी इस गिरोह के बदमाशों की मदद कर रहा है. इस दिशा में भी पुलिस गंभीरता से पूछताछ कर रही है. बता दें कि क्राइम ब्रांच की टीम ने जवाहर सर्किल थाने की टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए भरतपुर जिले के भौरे का नगला निवासी अमर सिंह, भूरखां निवासी महेंद्र सिंह और आरसी निवासी रामलखन को गिरफ्तार कर 11.73 लाख रुपए, 36 एटीएम कार्ड और तीन बैंक पासबुक जब्त की थी. ये हर महीने एक करोड़ से भी ज्यादा रुपए अलग-अलग खातों से एटीएम से निकलवाते थे.

जयपुर में साइबर ठगी गिरोह

पढ़ें -जयपुर में साइबर ठगी गिरोह के तीन बदमाश पकड़े, 12 लाख, 36 एटीएम कार्ड, थार और बाइक जब्त

फर्जी दस्तावेजों से खुलवाते नए खाते -पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि इस गिरोह से जुड़े कुछ बदमाशों का काम एटीएम इकठ्ठा करना ही होता है. वे लोगों को झांसे में लेकर उनके एटीएम कार्ड बदल लेते हैं. ये बदमाश एटीएम कार्ड चोरी की वारदात को भी अंजाम देते हैं. इसके साथ ही लोगों के दस्तावेज जुटाकर उनसे बैंकों में खाते खुलवाते हैं. उन खातों के नए एटीएम कार्ड जारी करवाकर ये अपने पास रख लेते हैं. ठगी की रकम इन बैंक खातों में ट्रांसफर करने के बाद एटीएम से रुपए निकलवा लेते हैं.

आसान नहीं है दूसरों के नाम पर खाता खुलवाकर एटीएम लेना -किसी अन्य व्यक्ति के दस्तावेजों के आधार पर किसी भी बैंक में खाता खुलवाना और उसका एटीएम कार्ड इश्यू करवाकर अपने पास रख लेना आसान नहीं है. इसलिए पुलिस को शक है कि हो सकता है किसी बैंक से जुड़ा कोई व्यक्ति इन बदमाशों की मदद कर रहा है. इस दिशा में गंभीरता से जांच कर किसी ठोस सुराग की पुलिस तलाश कर रही है.

पढ़ें-साइबर शातिरों पर नकेल कस रही अलवर पुलिस, पीड़ितों के खाते में लौट रही ठगी की राशि

जिनके नाम बैंक खाते उनसे भी होगी पूछताछ- साइबर ठगी गिरोह से जुड़े बदमाश बैंक खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करते हैं और फिर एटीएम से निकलवा लेते हैं. जिन लोगों के नाम यह बैंक खाते हैं. पुलिस उनसे भी पूछताछ करेगी. प्रारंभिक तौर पर बदमाशों के पास 36 एटीएम कार्ड और तीन बैंक पास बुक मिली हैं. अब इन सभी खाताधारकों की जानकारी जुटाई जा रही है. नाम पते हासिल कर पुलिस इन सभी खाताधारकों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है.

बैंककर्मी की मिलीभगत पाई जाती है तो होगी कार्रवाई: DIG राहुल प्रकाश -DIG सीआईडी सीबी राहुल प्रकाश का कहना है कि साइबर ठग गिरोह से जुड़े बदमाशों के पास नकदी, एटीएम कार्ड के साथ ही हिसाब की पर्चियां भी मिली हैं. इसमें खुलासा हुआ है कि ये हर महीने एक करोड़ से भी ज्यादा रुपए अलग-अलग खातों से एटीएम से निकलवाते थे. उनका कहना है कि गैंग के सक्रिय बदमाशों के अलावा इनका साथ देने वालों पर भी कार्रवाई होगी. बड़ी संख्या में खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हो रही थी. इनके कब्जे से 36 एटीएम कार्ड मिले हैं. ऐसे में यदि किसी बैंककर्मी की इनसे मिलीभगत पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

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