जयपुर.राजस्थान के चुनावी रण का आगाज हो चुका है. इसमें जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक दल और नेता अपने-अपने तरकश में नए तीर भर रहे हैं और दांव पेंच आजमा रहे हैं. जबकि आचार संहिता की पालना और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग भी मुस्तैद है. इस बार 'सी-विजिल' एप चुनाव आयोग का नया हथियार बनकर उभरा है, जिसके माध्यम से आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर चुनाव आयोग लगातार कार्रवाई करने में जुटा है.
इस महीने की 9 तारीख को चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद अब तक सी विजिल एप के जरिए राजस्थान में हर दिन औसतन आचार संहिता के उल्लंघन की 70 शिकायतें आयोग के पास पहुंच रही हैं. इन शिकायतों पर औसतन 100 मिनिट में कार्रवाई हो रही है. इसके लिए जिला कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां दर्जनभर कर्मचारी शिकायतों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसके साथ ही इन शिकायतों पर कार्रवाई के लिए शहर में 180 उड़नदस्ते भी तैनात किए गए हैं. खास बात यह है कि एप के जरिए मिलने वाली शिकायतों पर लिए गए एक्शन के बाद संबंधित शिकायतकर्ता को भी इसकी सूचना भेजी जा रही है.
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दूसरी तरफ चुनाव में धन, शराब और अन्य मादक पदार्थों के उपयोग की संभावना पर भी चुनाव आयोग की कड़ी नजर है. आचार संहिता लगने के बाद 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 51.26 लाख रुपए से ज्यादा के मादक पदार्थ, शराब, कीमती धातु और नकदी जब्त की गई है. जबकि आचार संहिता लगने से पहले डेढ़ महीने में 221.2 करोड़ रुपए की ड्रग्स, शराब, सोना-चांदी और नकदी जब्त की गई है.