जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने रिश्ते में भतीजी लगने वाली 12 साल की पीड़िता से स्लीपर बस में दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त ताऊ को दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर तीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
पीठासीन अधिकारी मनीषा सिंह ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता के परिजनों ने जयपुर जाने के लिए अपनी नाबालिग बेटी को अभियुक्त को सुपुर्द किया था. अभियुक्त ने उनके विश्वास की हत्या करते हुए बस में ही पीड़िता को नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोशी की हालत में उससे दुष्कर्म किया है. अभियुक्त का अपराध डीएनए रिपोर्ट से भी साबित है. ऐसे में अभियुक्त के प्रति किसी तरह की कोई नरमी नहीं बरती जा सकती.
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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया की पीड़िता और ताई ने 19 नवंबर, 2019 को जवाहर सर्किल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसके छोटे देवर की बेटी उनके साथ ही रहती है. उसका बड़ा देवर पीड़िता को 11 नवंबर को उसके परिजनों से मिलवाने के लिए गांव लेकर गया था. जब पीड़िता वापस लौटी तो वह सुस्त थी. पीड़िता से पूछताछ करने पर उसने बताया कि घर से वापस लौटते समय 14 नवंबर को स्लीपर बस में आरोपी ताऊ ने उसे पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर और अर्द्ध बेहोशी की हालत में उसके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान जब रोकने का प्रयास किया तो आरोपी ने उसे थप्पड़ मारते हुए कहा कि यदि किसी को बताया तो उसकी मम्मी मर जाएगी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.