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जयपुर निगम का 80% हूपर में सेग्रीगेशन के लिए पार्टीशन, हकीकत 5 फीसदी से भी कम - निगम का रिएलटी चेक

जयपुर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण की जिम्मेदारी नगर निगम की ओर से बीवीजी कंपनी को सौंपी हुई है. 2017 में जब ये व्यवस्था शुरू की गई थी, तो हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डाले जाने के लिए पार्टीशन किए गए थे. जिससे कचरे का सेग्रीगेशन किया जा सके जो अब वर्तमान में देखने को नहीं मिल रही है.

हूपर में सेग्रीगेशन के लिए पार्टीशन, Partition for segmentation in Hopper

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Published : Sep 14, 2019, 11:59 PM IST

जयपुर. जिले में डोर टू डोर कचरा संग्रहण की जिम्मेदारी नगर निगम की ओर से बीवीजी कंपनी को सौंपी हुई है. जिसके करीब 572 हूपर शहर के घरों से कचरा इकट्ठा कर रहे हैं. 2017 में जब ये व्यवस्था शुरू की गई थी, तो हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डाले जाने के लिए पार्टीशन किए गए थे. जिससे कचरे का सेग्रीगेशन किया जा सके जो अब वर्तमान में देखने को नहीं मिल रही है.

हूपर में सेग्रीगेशन के लिए पार्टीशन का दावा फेल

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हालांकि, जयपुर नगर निगम के आयुक्त विजय पाल सिंह का दावा है कि शहर के 80% हूपर में पार्टीशन की व्यवस्था है और प्रथम चरण में हर जोन के एक-एक वार्ड में गीला और सूखा कचरा अलग अलग लिया जा रहा है. इसके बाद ये व्यवस्था जोन के सभी वार्डों में लागू की जाएगी.

निगम कमिश्नर ने बीवीजी कंपनी के हूपर का गुणगान करते हुए शहर वासियों से सहयोग नहीं मिलने की बात कही. निगम के इस दावे की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत शहर के उन वार्डों में पड़ताल करने पहुंचा जहां निगम को गीला और सूखा कचरे का सेग्रीगेशन करना था.

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ईटीवी भारत पहले वार्ड 84 में पहुंचा जहां हूपर में किसी तरह के पार्टीशन की व्यवस्था देखने को नहीं मिली. जिसके बाद ऐसा ही आलम वार्ड 21, 40, 52 और 70 में भी देखने को मिला. जहां लोग हाथ में दो अलग-अलग कचरा पात्र लेकर हूपर तक तो पहुंचे. लेकिन यहां पार्टीशन नहीं होने की स्थिति में दोनों पात्र एक साथ ही खाली कर दिए.

साथ ही ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि जिस दावे के हवाले जयपुर नगर निगम बीवीजी कंपनी को लगातार भुगतान कर रहा है, वो धरातल पर कहीं भी नजर नहीं आया. जिससे एक बार फिर निगम प्रशासन और बीवीजी कंपनी का दावा खोखला साबित हुआ.

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