जयपुर. सेंट्रल जेल और जयपुर डिस्ट्रिक्ट जेल में कोरोना विस्फोट के बाद अब जेल महकमा प्रदेश की अन्य डिस्ट्रिक्ट और सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को कोरोना के संक्रमण से बचाने में जुट गया है. प्रदेश की अन्य जेलों में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए जेल विभाग के अधिकारियों द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक की गई है. बैठक में कई तरह के महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और उसके आधार पर राजस्थान की जेल प्रणाली में एक कैदी को जेल में लाने और उसे वार्ड तक ले जाने के तौर-तरीकों में अनेक तरह के बदलाव भी किए गए हैं.
राजस्थान की जेलों में कोरोना के मामले बढ़ें. डीआईजी जेल विकास कुमार ने बताया कि, राजस्थान की जेलों में 22000 कैदी रखने की क्षमता है और राहत वाली बात यह है कि, राजस्थान में जेलों के अंदर ओवर क्राउडिंग नहीं है. वर्तमान में राजस्थान की विभिन्न जेलों के अंदर 20 हजार 300 कैदी बंद है जो कि, राजस्थान की सभी जेलों की क्षमता का 90% है.
इसके साथ ही जिस तरह से राजधानी जयपुर की जयपुर सेंट्रल जेल और जयपुर डिस्ट्रिक्ट जेल में कोरोना के प्रकरण सामने आए हैं उसे देखते हुए विशेष हिदायत बरती जा रही है. जेल में पॉजिटिव पाए गए कैदी और अन्य कैदियों की ओवर मिक्सिंग ना हो इसके विशेष प्रबंध किए गए हैं.
इन जेलों में कैदी पाए गए हैं कोरोना संक्रमित:
डीआईजी जेल विकास कुमार ने बताया कि, अब तक प्रदेश की जयपुर सेंट्रल जेल, जयपुर डिस्ट्रिक्ट जेल और उदयपुर जेल में कोरोना संक्रमित कैदियों के मिलने के प्रकरण सामने आए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश की अन्य जेलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. अब तक सर्वाधिक प्रकरण जयपुर डिस्ट्रिक्ट जेल से सामने आए हैं जहां पर 121 कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
वहीं इसके साथ ही जयपुर सेंट्रल जेल में 13 कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इसके साथ ही उदयपुर जेल में एक कैदी कोरोना संक्रमित पाया गया है. इसके साथ ही संक्रमित पाए गए कैदियों के संपर्क में आए अन्य कैदी और जेल स्टाफ को क्वॉरेंटाइन किया गया है. क्वॉरेंटाइन किए गए सभी लोगों की कोरोना जांच भी की गई है.
जेल व्यवस्थाओं में बदलाव:
जयपुर में जेल में बड़ी तादाद में कैदियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जेल प्रशासन द्वारा अब जेल की व्यवस्थाओं में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. पहले जेल में लाए गए कैदी को सीधे जनरल वार्ड में अन्य कैदियों के साथ शिफ्ट कर दिया जाता था, अब पूरी तरह से इस पर रोक लगा दी गई है. अब बाहर से लाए गए कैदी को सबसे पहले जेल में बने आइसोलेशन वार्ड में दो से 3 सप्ताह के लिए रखा जाएगा जहां उसकी लगातार स्क्रीनिंग की जाएगी.
जेल के बाहर तैनात महिला पुलिसकर्मी जेल में चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद ही उस कैदी को सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा. आइसोलेशन वार्ड में रखे गए कैदी की कोरोना जांच करवाई जाएगी और एक दिन के अंदर ही उसकी रिपोर्ट आने के बाद उसे अन्य वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा. इसके साथ ही जेल में बंद तमाम कैदियों कि लगातार स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग की जाएगी साथ ही जिन कैदियों को किसी तरह की कोई बीमारी है उनका हेल्थ क्लासिफिकेशन करने के बाद उनके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जाएगी.
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जेलों को लगातार किया जा रहा सैनिटाइज:
डीआईजी जेल विकास कुमार ने बताया कि, प्रदेश की तमाम जेलों को सोडियम हाइपोक्लोराइड़ से सेनीटाइज किया जा रहा है. इसके साथ ही जेल के तमाम बाथरूम व शौचालयों को नियमित रूप से फिनाइल से साफ किया जा रहा है. वहीं अब जो भी नए कैदी आएंगे उन्हें दौसा डिस्ट्रिक्ट जेल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा. कैदियों की कोरोना जांच करवाई जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद ही रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा.