शेखावत के श्री कृष्ण बोर्ड को लेकर किये ट्वीट से नाराज यादव समाज सड़कों पर उतरा जयपुर.2 दिन पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को लेकर वायरल हुए वीडियो के चलते विवादों में आए थे. अभी वह विवाद समाप्त भी नहीं हुआ कि यादव समाज शेखावत के श्री कृष्ण बोर्ड को लेकर किये ट्वीट से नाराजगी जताते हुए सड़कों पर उतर गया. ना केवल गजेंद्र सिंह शेखावत बल्कि भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा से भी यादव समाज के लोग नाराज दिखाई दिए. रामलाल शर्मा अपने बयान का खंडन कर चुके हैं.
राजस्थान यादव महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष और राजस्थान ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हरसहाय यादव ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि यादव समाज श्री कृष्ण के वंशज हैं और उन्हें अपना कुलदेवता और इष्ट देव मानते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई सामाजिक बोर्ड का गठन कर समाज से संबंधित महान विभूतियों के नाम पर रखा गया. ऐसे में गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से गलत भाषा का इस्तेमाल कर यह कहा गया कि मजहब के आधार पर, जातियों के आधार पर, अगड़े पिछड़े में बांटने के बाद, अब कृष्ण भगवान को तो जातियों में मत बांटे. जो बिल्कुल गलत बात है.
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उन्होंने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत और रामलाल शर्मा ने जिस तरह से श्री कृष्ण बोर्ड को लेकर अपनी बात रखी, उसके बाद दोनों को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोनों ने ऐसा नहीं किया तो समाज इन नेताओं का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार करेगा. यादव ने कहा कि आज गजेंद्र सिंह और रामलाल शर्मा के बयानों के विरोध में धरना दिया गया है और गजेंद्र सिंह का पुतला फूंका गया. अगर गजेंद्र सिंह माफी नहीं मांगते हैं, तो यादव समाज और ओबीसी विभाग कांग्रेस मिलकर आगे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के खिलाफ और भी विरोध प्रदर्शन करेंगे.
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गजेंद्र सिंह के इस ट्वीट से नाराज हुआ समाजः दरअसल मुख्यमंत्री आवास पर 26 जून को यादव समाज के लोग पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्री कृष्ण बोर्ड के गठन की घोषणा की. इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने लिखा कि अशोक गहलोत अपनी कुटिल राजनीति से कम से कम हमारे भगवानां को तो दूर रखें. इसके आगे उन्होंने लिखा कि इतिहास साक्षी है सनातन संस्कृति और हिंदू एकता को विभाजित करने के लिए, पहले अंग्रेजों ने फूट डालो और राज करो की रणनीति अपनाई. ठीक वैसा ही आजादी के बाद सत्ता में रहने के लिए कांग्रेस करती आई है. मजहब और जातियों के आधार पर अगड़े-पिछड़े में बांटने के बाद अब कृष्ण भगवान को तो जातियों में मत बांटिए.