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नए जिलों की स्थापना कार्यक्रम में विवाद, पायलट समर्थक विधायक का गंभीर आरोप, कहा- उन्हें कार्यक्रम में जाने से रोका गया

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Published : Aug 7, 2023, 4:54 PM IST

पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी सोमवार को नवनिर्मित 19 जिलों की स्थापना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्हें कार्यक्रम में जाने से रोक दिया गया. इससे विधायक नाराज हो गए और पुलिसकर्मियों से बहस करते नजर आए.

Controversy in establishment program
Controversy in establishment program

नए जिलों की स्थापना कार्यक्रम में विवाद

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को राजधानी स्थित बिरला ऑडिटोरियम में नवनिर्मित 19 जिलों की पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना कर स्थापना की शुरुआत की. वहीं, बीच कार्यक्रम तब विवाद हो गया, जब पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी यह आरोप लगाते हुए ऑडिटोरियम से बाहर आ गए कि पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोक दिया. इस दौरान वेद सोलंकी की ऑडिटोरियम के गेट पर पुलिसकर्मियों से काफी बहस भी हुई और इस बीच पुलिसकर्मी उन्हें आश्वासन देते नजर आए, लेकिन सोलंकी ने उनकी एक न सुनी. इधर, कार्यक्रम के बाद वेद सोलंकी ने मुख्यमंत्री गहलोत से इसकी शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन सीएम से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी.

विधायक सोलंकी ने लगाए ये आरोप : नाराज विधायक वेद सोलंकी ने कहा कि सीएम गहलोत ने जयपुर ग्रामीण समेत प्रदेश में 50 जिले बनाएं. ये जिले हम विधायकों की अनुशंसा और जनता की भावना को देखते हुए बनाए. वहीं, उन्होंने कहा कि सोमवार को जिलों के स्थापना को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जब वो बिरला ऑडिटोरियम में पीछे की तरफ गए तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. साथ ही कहा गया कि जनप्रतिनिधि जहां बैठे वहीं बैठा दो. मंच पर नहीं तो मंच के सामने ही बैठा दो. खैर, वो इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. सोलंकी ने कहा कि किसके कहने से उन्हें मना किया गया, ये तो पुलिसकर्मी ही जाने.

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वहीं, अगर विधायक की जगह नहीं थी तो उन्हें नीचे ही बैठा देते. प्रधान और जनप्रतिनिधि के पास भी वो बैठ सकते थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोका गया. यहां तक कि मंच पर जाकर भी यह नहीं पूछा गया कि उन्हें कहां बैठाया जाए. उन्होंने कहा कि किसको मंच पर रहना है, किसको नहीं अगर कोई लिस्ट थी तो बताना चाहिए था. जब सभी विधायक अंदर बैठे हैं और उनका सम्मान है तो फिर उन्हें भला क्यों अंदर जाने से रोका गया.

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