राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

मॉब लिंचिंग से बचाने के बावजूद गैलेंट्री प्रमोशन क्यों नहींः राजस्थान हाईकोर्ट - Constable saved life of a person in mob lynching

अलवर में साल 2019 में एक व्यक्ति को मॉब लिचिंग से बचाने के मामले में कांस्टेबल की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से पूछा है कि याचिकाकर्ता को गैलेंट्री प्रमोशन क्यों नहीं दिया गया.

Constable petition for gallantry promotion, HC sought reply from concerned officials
मॉब लिंचिंग से बचाने के बावजूद गैलेंट्री प्रमोशन क्यों नहींः राजस्थान हाईकोर्ट

By

Published : May 19, 2023, 8:34 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर में मॉब लिंचिंग के दौरान व्यक्ति की जान बचाने के बावजूद कांस्टेबल को गैलेंट्री प्रमोशन नहीं देने पर प्रमुख गृह सचिव, डीजीपी, जयपुर रेंज आईजी और अलवर एसपी से जवाब मांगा है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश केदारमल गुर्जर की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि वर्ष 2019 में अलवर के सदर थाने में पदस्थापन के दौरान याचिकाकर्ता को वायरलेस पर मॉब लिंचिंग की जानकारी मिली थी. इस पर उसने घटनास्थल के पास स्थित चिकानी चौकी इंचार्ज हैड कांस्टेबल हरिओम और थानाधिकारी को लेकर मौके के लिए रवाना हो गया. मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ हाकम अली नाम के व्यक्ति को बुरी तरह पीट रही थी. यह देखकर चौकी इंचार्ज हरिओम साइड में जाकर खड़ा गया और याचिकाकर्ता ने बहादुरी दिखाते हुए लाठी लेकर भीड़ को नियंत्रित कर हाकम अली को बचाया.

पढ़ेंःअपराधियों की धरपकड़ करने पर गैलेंट्री प्रमोशन, कांस्टेबल उगमाराम बने 'हेड कांस्टेबल'

वहीं कुछ ही घंटों में मारपीट करने वाले लोगों को भी गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश दिया गया. याचिका में कहा गया कि चौकी इंचार्ज हरिओम ने घटना को लेकर अधिकारियों से सांठगांठ कर अपना नाम गैलेंट्री प्रमोशन के लिए भिजवा दिया. जबकि घटना में उसने कोई बहादुरी का काम नहीं किया था. वहीं जब याचिकाकर्ता को इसकी जानकारी मिली, तो उसने उच्चाधिकारियों को प्रतिवेदन देकर घटना में खुद की भूमिका के बारे में बताया.

पढ़ेंःCM गहलोत ने किया शेरगढ़ हादसे के हीरो के प्रमोशन का ऐलान, जानें कैसे डूंगर सिंह ने बचाई लोगों की जान

इस पर थानाधिकारी व सीओ ने उसका नाम प्रमोशन के लिए भेजा, लेकिन एसपी ने उसकी फाइल पर कुछ नहीं किया. इस पर याचिकाकर्ता ने पुनः उच्चाधिकारियों को अभ्यावेदन दिया. उच्चाधिकारियों की जांच में याचिकाकर्ता की भूमिका सही पाई गई. इस पर एसपी ने प्रमोशन के लिए याचिकाकर्ता का नाम उच्चाधिकारियों को भेजा. याचिका में कहा गया कि इसके बावजूद याचिकाकर्ता को अभी तक गैलेंट्री प्रमोशन नहीं दिया गया है. जबकि हैड कांस्टेबल हरिओम को गैलेंट्री प्रमोशन देकर दो साल पहले ही एएसआई बनाया जा चुका है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details