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मानसरोवर में मल्टी स्टोरी कोर्ट परिसर बनाने पर विचार करें सरकार - हाईकोर्ट - Rajasthan High Court Jaipur

बनीपार्क स्थित कोर्ट परिसर में जगह की कमी को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह मानसरोवर स्थित वीटी रोड पर खाली पड़ी जमीन पर मल्टी स्टोरी कोर्ट परिसर का निर्माण करने पर विचार करें. अदालत ने पुलिस की ईस्ट, वेस्ट, साउथ, नॉर्थ की तर्ज पर आपस में जुड़ने वाली अलग-अलग मल्टी स्टोरी बिल्डिंग या टावर बनाने पर विचार करने को कहा है.

Rajasthan High Court Jaipur, राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर

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Published : Nov 9, 2019, 10:20 AM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने बनीपार्क स्थित कोर्ट परिसर में जगह की कमी को देखते हुए राज्य सरकार को कहा है कि वह मानसरोवर स्थित वीटी रोड पर खाली पड़ी जमीन पर मल्टी स्टोरी कोर्ट परिसर का निर्माण करने पर विचार करे. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने यह आदेश धर्मेन्द्र मूलवानी की जनहित याचिका पर दिए.

अदालत ने पुलिस की ईस्ट, वेस्ट, साउथ, नॉर्थ की तर्ज पर आपस में जुड़ने वाली अलग-अलग मल्टी स्टोरी बिल्डिंग या टावर बनाने पर विचार करने को कहा है. अदालत ने कहा कि सभी फैमिली कोर्ट, अधिकरण और श्रम न्यायालय सहित बार एसोसिएशन के कार्यालय कैंटीन, वकीलों के चैंबर सहित जमीन के एक हिस्से में न्यायिक अधिकारियों के आवास बनाने पर विचार किया जा सकता है. अदालत ने सरकार को सुझाव दिया है कि पक्षकारों, वकीलों, कोर्ट कर्मचारी और विशेष न्यायालयों की जरूरतों को ध्यान में रहते हुए योजना बनाकर निर्माण किया जाए.

अदालत ने कहा कि वर्तमान कोर्ट परिसर में सालों से जगह की कमी की परेशानी है. सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देना ही होगा. महानगर की 180 अदालतों को दो जजशिप में बांटने के हाईकोर्ट के प्रस्ताव पर सरकार सहमति दे चुकी है, लेकिन भविष्य में विस्तार होना तय है. वहीं पीडब्ल्यूडी वर्तमान बिल्डिंग के ऊपर निर्माण की संभावना को नकार चुका है.

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राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्तमान कोर्ट परिसर में कार्यो के लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजे गए प्रस्तावों के लिए वित्तीय स्वीकिृति लेनी होगी. सरकार भी कोर्ट परिसर की कमी को लेकर गंभीर है और वैकपिक स्थान की तााश कर रही है. महाधिवक्ता ने कहा कि मानसरोवर में बताई गई जमीन की स्थिति का पता करके अदाात को बताएंगे.

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि यदि अदालतों और अधिकरणों के लिए एक ही स्थान पर पर्याप्त जमीन उपल्बध हो तो उन्हें अदालत शिफ्ट होने में कोई आपत्ति नहीं है. बार एसोसिएशन ने बनी पार्क कोर्ट की नई इमारत में बनी लिफ्टों को अपर्याप्त बताया और हाईकोर्ट की पार्किग समस्या को भी उठाया.

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