अभियान में नहीं जुड़े तो नहीं मिलेगा टिकट या पद... जयपुर. कांग्रेस का 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान शुरू हो चुका है. इसमें सभी बूथों पर कार्यकर्ता जनता से संवाद कायम कर रहे हैं. अभियान के राजस्थान संयोजक आरसी खूंटिया कहते नजर आ रहे हैं कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी, सरकार और संगठन में पद चाहने वाले कार्यकर्ताओं को इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी होगी. कार्यक्रम से दूरी बनाने वालों को न तो टिकट मिलेगा और ना ही पार्टी या सरकार में कोई पद.
भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही कांग्रेस ने अपने संगठन को पूरे देश में मजबूती देने के लिए और चुनावों में जीत के लिए सीधे जनता से संवाद स्थापित करने के लिए 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान शुरू कर चुकी है. जिसमें 26 मार्च तक देश के सभी बूथों तक कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता पहुंचेगा और आम जनता से संवाद कायम करेगा. क्योंकि कांग्रेस पार्टी बीते 10 साल से लगातार लोकसभा चुनाव में हार रही है और खुद राहुल गांधी जयपुर में यह कह चुके हैं कि चुनाव हारने का एक प्रमुख कारण जनता से कांग्रेस के नेताओं की दूरी बना था. ऐसे में पार्टी इस अभियान के माध्यम से राजनीतिक तौर पर अपने कार्यकर्ताओं को जनता से जुड़ाव चाहती है.
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ऐसे में इस अभियान को शुरू करने के साथ ही पार्टी ने सख्ती दिखाना भी शुरू कर दिया है. यही कारण है कि जहां एआईसीसी के इस कार्यक्रम के लिए राजस्थान के संयोजक बनाए गए आरसी खूंटिया राजस्थान में रहकर इस पूरे कार्यक्रम की न केवल मोनिटरिंग कर रहे हैं बल्कि अकेले ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर खुद देख रहे हैं कि कार्यकर्ता गम्भीरता से इस कार्यक्रम को कर रहे हैं या नहीं. खूंटियां न केवल इस को सफल बनाने का प्रयास कर रहे हैं बल्कि यह मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं कि कौन इस कार्यक्रम में सक्रिय है और कौन नहीं.
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राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी इस कार्यक्रम को लेकर सक्रिय हैं, लेकिन आरसी खूंटिया इन नेताओं के साथ नहीं जाकर अकेले जिलों में जा रहे हैं. खूंटिया 26 और 27 को अजमेर, 28 को चित्तौड़गढ़, 29 को उदयपुर और 30 को राजसमंद जिले में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. वे खुद ये मॉनिटर करेंगे कि किस जिले में किस नेता ने इस कार्यक्रम की सफलता में अपना योगदान दिया है और किसने नहीं. यह रिपोर्ट तैयार कर खूंटिया 2 महीने बाद एआईसीसी को सौपेंगे.
तैयार हो रही रिपोर्ट: भले ही भारत जोड़ो यात्रा एक राजनीतिक यात्रा नहीं थी, लेकिन उस यात्रा में जिन नेताओं ने सक्रिय भूमिका नहीं निभाई, उन नेताओं की रिपोर्ट भी तैयार हो रही है. साफ है कि जो नेता भारत जोड़ो यात्रा से दूर रहे, उन नेताओं की रिपोर्ट भी अहम होगी और भारत जोड़ो यात्रा में निष्क्रिय रहने वाले नेताओं के साथ ही 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान में दूरी बनाने वाले नेताओं की रिपोर्ट को समाहित कर देखा जाएगा कि कौन कार्यकर्ता पार्टी में पदों पर रहेगा.
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आरसी खूंटियां साफ तौर पर कांग्रेस नेताओं को यह चेतावनी भी देते नजर आ रहे हैं कि अगर किसी नेता ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई तो उसका लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है. वे चाहे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी हों या फिर संगठन या सरकार में पद की चाह रखने वाले नेता, अगर उन्हें पद चाहिए या चुनाव लड़ना है तो इस कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभानी होगी. इस कार्यक्रम से दूर रहने वाले नेताओं की लिस्ट भी तैयार की जाएगी और आगे उन्हीं कार्यकर्ताओ को मौका मिलेगा, जो हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत 2 महीने राजस्थान में आम जनता के बीच पहुंचेंगे और राहुल गांधी का मैसेज पहुंचाने के साथ ही मोदी सरकार की गलत नीतियों को लेकर भी जनता में कांग्रेस की बात रखेंगे.