जयपुर. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एआईसीसी ने कमान अपने हाथ में ले ली है. चाहे वरिष्ठ पर्यवेक्षक या पर्यवेक्षक बनाने की बात हो, 25 लोकसभा क्षेत्र में पर्यवेक्षक लगाने की बात हो, या फिर अब स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन और सदस्यों की घोषणा हो. एआईसीसी ने 2023 के चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. इधर राजस्थान की स्क्रीनिंग कमेटी में जिस तरह से नेताओं को जगह दी गई है, उससे साफ दिखाई देता है कि इस बार टिकट वितरण से लेकर चुनाव में जीत दिलाने के लिए नेताओं को जिम्मेदारी सांप दी गई है.
जिस तरह से इस कमेटी में राजस्थान के चार नेताओं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्पीकर और पूर्व राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सीपी जोशी और पूर्व राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को शामिल किया गया है. वह इशारा दे रहा है कि इन चारों नेताओं के पास पूरे राजस्थान की जिम्मेदारी तो होगी ही, इसके साथ ही इन चारों नेताओं को अलग-अलग क्षेत्र की जिम्मेदारी भी दे दी गई है. जहां से न केवल अपने क्षेत्र के नेताओं के टिकट का पैनल बना कर देना होगा, बल्कि क्षेत्र के नेताओं को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी होगी.
जोधपुर-जयपुर गहलोत, दौसा-अजमेर पायलट, सीकर-बीकानेर डोटासरा और उदयपुर के टिकट और जीत की जिम्मेदारी सीपी जोशी के जिम्मे होगी. अलवर का जिम्मा भंवर जितेंद्र को दी गई है. वैसे तो जिन नेताओं को स्क्रीनिंग कमेटी में राजस्थान से शामिल किया गया है, उन चारों नेताओं की जिम्मेदारी उनके पदों के लिहाज से पूरे राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को चुनाव में जीत दिलाने की होगी. लेकिन जो सूची आई है, उसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जोधपुर के साथ ही जयपुर की अतिरिक्त जिम्मेदारी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सीकर और बीकानेर का अतिरिक्त जिम्मा, सचिन पायलट को अजमेर और दौसा और सीपी जोशी के पास उदयपुर की जिम्मेदारी अतिरिक्त रूप से दी जाएगी. इन चारों नेताओं के साथ ही मध्य प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन बनाए गए कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र के पास अलवर की जिम्मेदारी होगी.