जयपुर. लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और दोनों ही सियासी दल अपनी-अपनी जीत की तैयारियों में जुट गए हैं. ऐसे में चुनाव के इस दंगल में राजस्थान की जयपुर शहर लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं.
हालांकि, देश की आजादी के बाद से ही जयपुर लोकसभा सीट कांग्रेस विरोध की राजनीति की उपजाऊ जमीन रही है. लेकिन, साल 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में जयपुर शहर लोकसभा में कांग्रेस का दबदबा बढ़ा है.
प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर लोक सभा सीट यूं तो परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ माना जाता है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन से इस सीट पर कांटे का मुकाबला होने की संभावना है. पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में जयपुर शहर लोकसभा सीट में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से मालवीय नगर, सांगानेर और विद्याधर नगर विधानसभा सीट पर ही भाजपा के विधायक जीत पाए. जबकि आदर्श नगर, किशनपोल, हवा महल, सिविल लाइंस और बगरू विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को करारी शिकस्त झेलना पड़ी.
उधर, इन विधानसभा सीटों पर पड़े कुल वोटों को देखा जाए तो कांग्रेस और भाजपा के बीच में है करीब 14000 मतों का ही अंतर है या फिर कहें कि करीब 14000 मतों से ही कांग्रेस आगे रही. हालांकि, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इन 8 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा था. अब क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है और प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार है लिहाजा मुकाबला कड़ा होने की संभावना है.