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राहुल गांधी के इस्तीफे पर कोंग्रेस हुई एक, कहा- राहुल गांधी के बगैर कांग्रेस अधूरी

राहुल गांधी ने बुधवार को अपने इस्तीफे का ऐलान सोशल मीडिया के जरिए औपचारिक रूप से कर दिया. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, कांग्रेस के कई दिग्गज ये चाहते हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहें.

राहुल गांधी

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Published : Jul 3, 2019, 10:08 PM IST

जयपुर.राहुल गांधी ने बुधवार को औपचारिक रूप से इस्तीफे का ऐलान कर दिया. लेकिन, राहुल गांधी के इस निर्णय से प्रेदश के मंत्री नाखुश नजर आ रहे हैं. इनका कहना है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहें. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपने निर्णय पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए.

गहलोत सरकार में खाद्य मंत्री, रमेश मीणा ने कहा कि राहुल गांधी हमारे अध्यक्ष रहें. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस के सभी बड़े नेता उन्हें मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं. राहुल गांधी को अपने निर्णय पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए. मीणा ने कहा कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता यही चाहता है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहें और पार्टी को अपना नेतृत्व प्रदान करते रहें. उन्होंने कहा कि चुनाव होते हैं और हार-जीत राजनीति में चलती रहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बार फिर से जनता की अपेक्षाओं को पूरा करेगी.

राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया

वहीं, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने कहा कि कॉग्रेस में राहुल गांधी के अलावा और कोई नेतृत्व नहीं कर सकता. लोकसभा में हार के बाद राहुल गांधी ने इस्तीफा नैतिकता के आधार पर जिम्मेदारी लेते हुए दिया है. मेघवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले ही संकेत दे दिया था की एक महीने के अंदर कांग्रेस का कोई नया अध्यक्ष तलाश लें, लेकिन महीना गुजर गया, बावजूद कोई राहुल गांधी की जगह लेने वाला कोई नहीं है. ऐसे में राहुल गांधी ने फिर से इस्तीफे की पेशकश की है. लेकिन, कांग्रेस में राहुल गांधी का कोई विकल्प नहीं है. देश का सभी कांग्रेसी चाहता है कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष रहें. उनके नेतृत्व में ही आगे के चुनाव लड़ें जाए.

इस दौरान मेघवाल ने कहा कि गांधी परिवार के अलावा और कोई कांग्रेस में विकल्प नहीं है. इसलिए वो भी अपील करते हैं कि राहुल जी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें. वहीं, इस इस्तीफे से राहुल गांधी ने उन नेताओं को संदेश दिया है जो कुर्सी की लालच में हार की जिम्मेदारी से दूर भाग रहे हैं. ऐसी में अब देखना होगा कि क्या राहुल गांधी के इस फैसले के बाद पद लेकर बैठे नेता भी हार की जिम्मीदरी लेंगे या अपनी कुर्सी पर विराजमान रहेंगे.

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