राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट जयपुर.पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन कर चुके, राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को एक कदम आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस बार उन्होंने अपनी ही सरकार के समय हुए पेपरलीक मामले में राजस्थान आरपीएससी अजमेर से जयपुर तक 5 दिवसीय पैदल मार्च निकालने का ऐलान किया है. ऐसे में जब वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार खिलाफ अनशन को जब कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया था. इस बार तो पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकाल रहे है. इसलिए संभावना है कि पार्टी और भी कड़ा रुख अपनाएगी. पायलट को अपना पैदल मार्च स्थगित करने का आह्वान करने के बाद कोई कार्यवाही करे.
पायलट के अनशन के 12 घंटे पहले रंधावा ने बताया था पार्टी विरोधी अब आज फिर उसी रास्ते पर पायलट और पार्टी :पायलट ने 11 अप्रैल को वसुंधरा राजे सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच नहीं होने के खिलाफ 1 दिन के अनशन का ऐलान किया था. संभवत: ऐसा पहली बार हुआ हो कि अनशन से 12 घंटे पहले ही पार्टी विरोधी गतिविधि बताया गया हो. बहरहाल अनशन के एक महीने तक उस नोटिस पर किसी कारवाही से कांग्रेस बचती रही. लेकिन पायलट ने 1 महीने में ही दूसरे प्रदर्शन की घोषणा कर दी. ऐसे में अब पार्टी के सामने संकट खड़ा हो गया है कि जब वह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर अनशन को पार्टी विरोधी बताने वाली कांग्रेस अगर अब अपनी ही पार्टी के समय हुए पेपर लीक मामले में विरोध स्वरूप पैदल मार्च निकालने पर पायलट को नोटिस नही देती है तो सवाल खड़े होंगे. ऐसे में आज का दिन सचिन पायलट और कांग्रेस पार्टी दोनों के लिए अहम रहने वाला है. बता दें कि पायलट को राहुल गांधी पार्टी का असेट बता चुके हैं. अब सवाल ये है कि क्या अब वह पार्टी से अलग होगा ?
कहने को पार्टी छोड़ने से पायलट का इंकार लेकिन रास्ता वही, क्या पायलट चाहते पार्टी करे कार्रवाई :सचिन पायलट ने अपने पैदल मार्च के एलान के समय ही यह कह दिया था कि कुछ लोग चाहते हैं की कांग्रेस कमजोर हो कांग्रेस में फूट पड़े यही कारण है कि बदनाम करने का, आलोचना करने का और चरित्र हनन करने का काम किया जा रहा है. लेकिन हम उसको नाकाम करेंगे जो लोग हमारी पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं वह हम होने नहीं देंगे. लेकिन पब्लिक इश्यू पर उन्होंने अपने स्टैंड पर कायम रहने की बात भी कर दी. जानकारों की मानें तो अब पायलट पूरी तरह निराश हो चुके हैं कि उनके आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. हालांकि वो कांग्रेस पार्टी में ही रहकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते हैं. जो संभव नहीं दिखता लेकिन जानकारों का मानना है कि पायलट चाहते हैं कि वो खुद पार्टी नहीं छोड़े लेकिन अगर पार्टी उन पर कार्रवाई करें तो वह आगे का निर्णय और स्ट्रेटजी तैयार करें. मतलब साफ है कि पायलट पार्टी को छोड़ने की बजाय इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि पार्टी उन पर क्या एक्शन लेती है?
12 को प्रभारी और सह प्रभारियों की अहम बैठक दिल्ली में :पायलट ने अब ऐलान कर दिया है कि वह 11 मई से 5 दिन के लिए राजस्थान आरपीएससी के बाहर से पैदल मार्च शुरू करेंगे और अगले 2 दिन अहम होने की पार्टी पायलट के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है या नहीं. वहीं 12 मई को दिल्ली में प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और तीनों सह प्रभारी वीरेंद्र राठौड़, अमृता धवन और काजी निजामुद्दीन की बैठक होनी है. ऐसे में अगर आज कोई कार्रवाई पायलट पर करने से कांग्रेस बचती है तो 12 मई को पायलट को लेकर पार्टी निर्णय ले लेगी और क्योंकि पिछली बार अकेले सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से नोटिस के चलते रंधावा पर सवाल उठे थे. ऐसे में इस बार वो सभी सह प्रभारियों के साथ मिलकर संयुक्त निर्णय लेंगे कि आगे क्या कार्रवाई हो.